लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तैयारी शुरू हो गई है। बीजेपी का फोकस इस बार उन राज्यों और वैसी सीटों पर अधिक है जहां पिछले चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की बीते गुरुवार पार्टी महासचिवों के साथ बैठक हुई। यूं तो महासचिवों के साथ पार्टी अध्यक्ष की बैठक हर महीने होती है लेकिन इस बार बैठक में ‘बूथ’ को लेकर चर्चा हुई। हाल ही में बीजेपी ने 78 हजार से अधिक ऐसे पोलिंग बूथों की पहचान की है जहां बीजेपी कमजोर है। इन बूथों पर 30 से अधिक नए सदस्यों को जोड़ा जा रहा है। ऐसे बूथ पर पार्टी को मजबूत करने के लिए कमिटी बनाई गई जो अपने काम में जुट गई है। इस काम में केंद्रीय मंत्रियों के साथ पार्टी के सांसदों को भी लगाया गया है।
भाजपा के महासचिवों के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक में उन बूथों पर काम की प्रगति पर चर्चा हुई। पोलिंग बूथ मजबूत करने के कार्यक्रम का पहला चरण 31 अगस्त को समाप्त हुआ। इस दौरान पार्टी ने इनमें से प्रत्येक बूथ, पिछले तीन चुनावों के लिए पोलिंग पैटर्न और वहां भाजपा को कितना वोट मिला, इसको लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है। इससे पार्टी को योजना तैयार करने में आसानी होगी।
इस काम में सांसदों को 100-100 बूथ दिए गए थे जबकि विधायकों को 25-25 बूथ की जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रीय मंत्रियों को कुछ राज्यों का जिम्मा सौंपा गया है जहां वे ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों को देखेंगे। सांसदों की ओर से नियुक्त पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ऐसे सभी बूथों का दौरा किया और मतदाताओं से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट ‘सरल’ नामक एक विशेष सॉफ्टवेयर पर अपलोड की।
रिपोर्ट पोस्ट करने से पहले प्रभारी सांसद के मोबाइल फोन पर आया ओटीपी भरना है। उसके बाद डेटा राज्य से केंद्र स्तर तक अपडेट हो जाएगी। नेताओं ने बैठक के दौरान कई राज्यों में डाटा अपलोडिंग का काम पूरा होने पर संतोष जताया। राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में कुछ काम बाकी है, जो सितंबर में पूरा हो जाएगा। यूपी और बिहार जैसे राज्य पहले ही अगले चरण की ओर बढ़ चुके हैं, जहां वरिष्ठ नेता अब इन बूथों पर जाकर मतदाताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं।
-एजेंसी