पं. सूर्यनारायण व्यास जिन्‍होंने निकाला था 15 अगस्‍त यानी भारत की आजादी का शुभ मुहूर्त

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डॉ. राजशेखर व्यास आगे बताते हैं कि पं. सूर्यनारायण व्यास की सलाह पर ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त की दरमियानी रात 12 बजे का समय भारत की आजादी के लिए तय किया। कारण था उस दिन भारत की कुंडली में स्थिर वृषभ राशि का लग्न होना, ये लग्न स्थिर माना जाता है। पं. व्यास का तर्क था, स्थिर लग्न में देश आजाद हुआ तो आजादी और लोकतंत्र दोनों स्थिर रहेंगे।

15 अगस्त को रात में फहराया गया तिरंगा

वैसे तो स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने की परंपरा सुबह की है, लेकिन 15 अगस्त 1947 को रात 12 बजे पं. जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया। हालांकि, इतिहास के पन्नों में ये दर्ज नहीं हो सका, लेकिन इसकी सलाह भी पं. व्यास ने ही दी थी। उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद से कहा कि अगर हम आधी रात को आजादी का समय ले रहे हैं, तो इसी समय में ध्वजारोहण किया जाए। स्वतंत्रता के औपचारिक कार्यक्रम भले ही सुबह किए जाएं, लेकिन पहला ध्वजारोहण आधी रात में ही होगा। पं. नेहरू ने उनकी बात मानी और आधी रात में लाल किले पर ध्वजारोहण किया।

आधी रात को ही धोया गया संसद भवन, शुद्धिकरण भी हुआ

बकौल राजशेखर व्यास, पं. सूर्यनारायण व्यास ने ही सलाह दी कि 15 अगस्त की रात को संसद भवन का शुद्धिकरण किया जाए। इसकी जिम्मेदारी गोस्वामी गिरधारीलाल को दी गई। उन्होंने संसद भवन को धुलवाया और उसका शुद्धिकरण करवाया।

जिन्ना ने चुना गलत दिन, नतीजा पाकिस्तान अस्थिर

भारत की आजादी और पाकिस्तान के बनने के लिए जो दिन थे, उनमें से मोहम्मद अली जिन्ना ने आजादी के लिए 14 अगस्त 1947 का दिन चुना। वो मुहूर्त जैसी बातों को नहीं मानते थे। पं. व्यास ने जिन्ना को आगाह किया था कि 14 अगस्त का दिन ठीक नहीं है, उस दिन अस्थिर लग्न यानी मेष का लग्न है, साथ ही गुरु भी शत्रु स्थान पर है जो देश को हमेशा अस्थिर रखेगा, लेकिन जिन्ना नहीं माने। गौरतलब है कि जिन्ना की पत्नी रतनबाई पं. सूर्यनारायण व्यास को मानती थीं, लेकिन 1929 में ही उनका निधन हो चुका था।

1930 में की थी भविष्यवाणी 1947 में आजाद होगा देश

उज्जैन में 1902 में जन्मे पं. सूर्यनारायण व्यास 1921-1922 से ही आजादी की लड़ाई में सक्रिय हो गए थे। ज्योतिषी भी थे, तो इस पर लेख भी लिखा करते थे। 1930 में आज नाम की पत्रिका के एक लेख में उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि भारत अगस्त 1947 में आजाद हो जाएगा।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी

1952 में राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल समाप्त हो रहा था। दूसरा राष्ट्रपति चुना जाना था। तब पं. व्यास ने डॉ. प्रसाद को पहले ही बता दिया था कि फिलहाल आपकी कुंडली संकेत कर रही है कि आप ही देश के राष्ट्रपति चुने जाएंगे। ये बात भी सही साबित हुई और डॉ. राजेंद्र प्रसाद फिर से राष्ट्रपति चुने गए। इस बारे में डॉ. प्रसाद ने पं. व्यास को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि आपने पहले ही बता दिया था।

किताब “हू डज नॉट कंसल्ट द स्टार्स” में भी इसका जिक्र

भारत की आजादी के मुहूर्त की बात एक बार टाइम मैगजीन में भी छपी थी। बात 1980 की है। जब अमेरिका में ये बात उठी कि बड़े राजनेता अपने कामों के लिए एस्ट्रोलॉजी का सहारा भी लेते हैं। तब सर वुडो ब्राइट ने एक किताब लिखी जिसका नाम था, हू डज नॉट कंसल्ट द स्टार्स (who does not consult the stars)। इस किताब का जिक्र टाइम मैगजीन में भी किया गया। जिसमें उन्होंने लॉर्ड माउंटबेटन के एक किस्से का जिक्र किया था और ये लिखा था कि भारत की आजादी का दिन तय करने में उज्जैन शहर के किसी पंडित का भी योगदान है, उन्होंने सितारे देखकर दिन तय किया है।

– नितिन आर उपाध्याय


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