नई दिल्ली। अब चलती गाड़ी से सैटेलाइट के जरिए ही टोल की वसूली होगी, फास्टैग की भी जरूरत नहीं होगी, ऐसी व्यवस्था करने जा रहे केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि ‘कोई व्यक्ति 10 किलोमीटर टोल रोड का उपयोग करता है लेकिन उसे 75 किलोमीटर का टोल चुकाना होता है लेकिन अब जहां से वाहन टोल में प्रवेश करेगा और जब उससे उतरेगा तो वहीं तक का टोल लगेगा।’
टोल टैक्स प्रक्रिया में एक क्रांतिकारी होगा कदम
जब फास्टैग की शुरुआत हुई तो इसे भारत में टोल वसूली प्रक्रिया में एक क्रांतिकारी कदम के तौर पर देखा गया और देशभर में इसे लागू किया गया। लेकिन अब इससे आगे बढ़कर वाहन के नंबर प्लेट के माध्यम से देश में उपग्रह आधारित टोल वसूली की प्रक्रिया शुरू किए जाने की तैयारी हो रही है। इसमें चलती गाड़ियों से सैटेलाइट के जरिए टोल वसूली हो जाएगी और फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में बताया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में बताया
दरअसल, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी देते हुए इस बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से टोल वसूली के सुधार की पूरी गुंजाइश है। इससे कोई ना तो टोल की चोरी कर सकता है और ना ही कोई बच सकता है। अब तक टोल नहीं देने पर सजा का प्रावधान भी नहीं है।
‘संसद में एक विधेयक लाने की प्रक्रिया जारी’
इतना ही नहीं गडकरी ने बताया कि इसके मद्देनजर इस नई प्रौद्योगिकी को क्रियान्वित करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद छह महीने के भीतर देश में यह व्यवस्था लागू करने की पूरी कोशिश की जा रही। इससे ना तो टोल बनाने की जरूरत होगी और ना ही कोई व्यक्ति बगैर टोल दिए जा सकेगा। इससे बचने की कोशिश करने वालों को सजा का प्रावधान किया जाएगा।
-एजेंसी
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