सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तरह गिरफ़्तारी करने के प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों को सही ठहराया है. जस्टिस एएम खानविल्कर की अगुआई वाली तीन सदस्यी बेंच ने कहा है कि गिरफ़्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है.
इस खंडपीठ में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रवि कुमार भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि अपराधी की आय, तलाशी और उसे जब्त करने, गिरफ़्तारी की शक्ति, संपत्ति कुर्क करना और ज़मानत की शर्तों के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की कड़ी प्रक्रिया सही है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में ये भी स्पष्ट किया है कि ये ईडी के अधिकारियों के लिए अनिवार्य नहीं है कि वे मनी लॉन्ड्रिंग केस में किसी अभियुक्त को हिरासत में लिए जाने के समय गिरफ़्तारी की वजह बताएँ.
कई याचिकाकर्ताओं ने ईडी के अधिकारों को चुनौती दी थी. इन याचिकाकर्ताओं में अन्य लोगों के अल्वा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती शामिल थीं.
-एजेंसी
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