अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भतीजे हमज़ा शरीफ़ सोमवार (25 जुलाई) तक पंजाब प्रांत के ‘ट्रस्टी मुख्यमंत्री’ बने रहेंगे.
शनिवार को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उमर अता बिंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने यह फ़ैसला सुनाया.
शुक्रवार को पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर दोस्त मोहम्मद मज़ारी के एक विवादित फ़ैसले के बाद हमज़ा शरीफ़ को पंजाब का मुख्यमंत्री चुन लिया गया था.
विधानसभा में इमरान ख़ान की पार्टी और उनके सहयोगी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार परवेज़ इलाही के पास 186 विधायकों का समर्थन था जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग(नून) के उम्मीदवार हमज़ा शरीफ़ के पास 179 विधायक थे.
लेकिन डिप्टी स्पीकर ने इमरान ख़ान की सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग (क़ाफ़) के दस विधायकों के वोट को अयोग्य क़रार दिया. डिप्टी स्पीकर का कहना था कि उनके पास मुस्लिम लीग (क़ाफ़) के अध्यक्ष चौधरी शुज़ाअत हुसैन का एक ख़त है जिसमें उन्होंने अपने विधायकों को आदेश दिया है कि वो अपना वोट परवेज़ इलाही को ना दें. इसी ख़त के आधार पर डिप्टी स्पीकर ने 10 विधायकों के वोट को अयोग्य क़रार दिया और हमज़ा शरीफ़ को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया.
इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने डिप्टी स्पीकर के इस फ़ैसले को चुनौती दी थी.
इमरान ख़ान की पार्टी की याचिका पर शनिवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बारे में अगली सुनवाई सोमवार (25 जुलाई) को होगी लेकिन इस दौरान हमज़ा शरीफ़ ट्रस्टी मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
अदालत ने कहा कि हमज़ा शरीफ़ के अधिकार बहुत सीमित होंगे और वो इस दौरान ऐसा कोई फ़ैसला नहीं करेंगे जिससे उनकी पार्टी या उनकी सहयोगी पार्टी को कोई राजनीतिक लाभ हो.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर मरियम नाराज़
अख़बार जंग के अनुसार मुस्लिम लीग (नून) की उपाध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी से ऐसे एकतरफ़ा फ़ैसले को स्वीकार करने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद उन्होंने ट्वीट किया, “अगर इंसाफ़ करने वाले भी धौंस, धमकी, बदतमीज़ी और गालियों के दबाव में आकर बार-बार एक ही बेंच के ज़रिए विशेष फ़ैसले करते हैं, सारा वज़न तराज़ू के एक ही पलड़े में डाल देते हैं तो ऐसे एक़तरफ़ा फ़ैसलों के सामने सर झुकाने की उम्मीद हमसे ना रखी जाए. बहुत हो गया.”
मरियम नवाज़ ने सुप्रीम कोर्ट और इमरान ख़ान दोनों पर हमला करते हुए कहा, “मौजूदा सियासी संकट और अस्थिरता का सिलसिला उस अदालती फ़ैसले से शुरू होता है जिसके ज़रिए संविधान की मनमानी व्याख्या करते हुए अपनी मर्ज़ी से वोट देने वालों का वोट नहीं गिनने का आदेश दिया गया. आज उसी की एक नई व्याख्या की जा रही है ताकि अब भी उसी लाडले को फ़ायदा पहुँचे जिसे कल पहुँचा था. ना मंज़ूर.”
-एजेंसी
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