यह तो हम सभी जानते हैं कि जिसने जन्म लिया है उसकी मौत निश्चित है। यहां कोई अमर नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी जगह है जहां किसी की मृत्यु नहीं होती। कहा जाता है कि यहां रहने वाले हर व्यक्ति का भाग्य पहले से ही तय होता है और यहां रहने वाला हर कोई अमर है।
हम बात कर रहे हैं ज्ञानगंज मठ की। यह जगह रहस्यों से भरी है। हिमालय की वादियों में एक ऐसा ही रहस्य यहां छिपा हुआ है, जिसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया। ज्ञानगंज मठ हिमालय में एक बहुत छोटी जगह है, जिसे शांग्रीला और शंभाला के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रहस्यमयी जगह है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या है ज्ञानगंज का कॉन्सेप्ट
ज्ञानगंज को एक प्राचीन भारतीय और तिब्बत की कहानी के रूप में जाना जाता है। यह एक शहर की कहानी है, जो आज तक दुनिया से छिपी हुई है। आपको बता दें कि तिब्ब्ती लोगों के बीच काफी मशहूर है। कहा जाता है कि ऋषि मुनि यहां तपस्या में लीन रहते हैं। बता दें कि रामायण और महाभारत में भी इसका जिक्र मिलता है। ग्रंथों में इसे सिदाश्रम कहा गया है।
ऋषि ने यहां लिया था कालचक्र का ज्ञान
यदि हम बौद्ध धर्म की बात करें तो बुद्धिस्ट ऐसा मानते हैं कि भगवान बुद्ध ने अपने आखिरी दिनों में कालचक्र के बारे में ज्ञान प्राप्त कर लिया था। उन्होंने कई लोगों को इसके बारे में बताया भी था, इनमें से एक थे राजा सुचंद्र। राजा जब इस ज्ञान को प्राप्त कर वापस अपने राज्य में आए तभी से तिब्बत में उस स्थान को शंभाला कहा जाने लगा। शंभाला का मतलब है ‘खुशियों का स्रोत’।
आध्यात्मिक शक्ति के इस केंद्र में बुद्धिस्ट्स जाने का प्रयास करते हैं, लेकिन इसका रास्ता किसी को समझ में नहीं आता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आजकल के मैपिंग सिस्टम का मदद लेकर भी इसे ढूंढ़ा नहीं जा सकता है। यहां तक कि सैटेलाइट में भी इसे नहीं देखा जा सकता है।
योगविद्या में पारंगत होते हैं यहां के ऋषि
ज्ञानगंज में योगियों के अमर रहने की बात पर विज्ञान तर्क देते हुए यह कहता है कि एक निश्चित आयु के बाद जीव की मौत हो जाती है। अगर बॉडी में लगातार नए सेल्स बनते रहें और किसी तरह से ऑर्गन्स को लंबे समय तक स्वस्थ रख सके तो इंसान भी एक हजार साल से ज्यादा जी सकता है।
न केवल साइंस बल्कि आयुर्वेद में भी कुछ ऐसा ही कहा गया है। ज्ञानगंज मठ में रहने वाले ऋषि, योग विद्या में पारंगत होते हैं और इसी के सहारे वे अपनी भावनाओं को कंट्रोल कर सकते हैं। इंसान ऐसा नहीं कर सकता है, इंसान का किसी भी चीज पर कोई कंट्रोल नहीं है और न ही मौत पर उसका कोई वश चलता है।
ज्ञानगंज मठ में रहने वाले ऋषि योग विद्या में पारंगत होते हैं, इसलिए ये आसानी से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर लेते हैं जबकि एक आम इंसान ऐसा नहीं कर सकता। इंसान का किसी चीज पर बस नहीं है, जबकि यहां रहने वाले ऋषि मौत को भी हरा देते हैं और अमर रहते हैं।
लोगों का ऐसा मानना है कि यह जगह किसी खास धर्म से संबंधित नहीं है, यहां तक वही पहुंच पाएगा जो किसी तरह से खुद को यहां के लायक बना लेगा।
-एजेंसी
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