चीन के ऐतराज को दरकिनार करते हुए भारत अगले साल न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठकें कर सकता है, बल्कि लद्दाख को भी संभावित वेन्यू के तौर पर देख रहा है। इसे भारत की तरफ से चीन को सख्त और दो टूक संदेश के तौर पर देखा जा सकता है। चीन ने जम्मू-कश्मीर में जी-20 मीटिंग कराए जाने को लेकर ऐतराज किया है। खास बात यह है कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तौर पर बंटवारे के बाद यहां पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा।
चीन को सख्त संदेश
भारत इस साल 1 दिसंबर को जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। उसने 2023 में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए जम्मू-कश्मीर के नाम का प्रस्ताव दिया है। शिखर सम्मेलन से पहले भी जी-20 की कई बैठकें होंगी। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक, भारत ने वेन्यू के तौर पर लद्दाख के नाम का भी प्रस्ताव दिया है। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले करीब दो सालों से तनाव का माहौल है। कुछ जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन गतिरोध अभी बरकरार है।
लद्दाख में जी-20 मीटिंग की तैयारी के लिए नोडल अफसर नियुक्त
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लद्दाख प्रशासन ने जी-20 मीटिंग को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। एलजी आरके मतुआ ने बैठक को लेकर एक सीनियर आईएएस अफसर और एक आईपीएस अफसर को विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय के लिए नोडल-ऑफिसर नियुक्त किया है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच सदस्यों वाली कमेटी बनाई
इसी तरह 23 जून को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी प्रस्तावित जी-20 बैठक की तैयारियों और को-ऑर्डिनेशन को लेकर एक पांच सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया है। हाउसिंग ऐंड अर्बन डिवेलपमेंट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रटरी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
चीन ने जताया है ऐतराज
जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठक कराए जाने की रिपोर्ट्स पर चीन ने आपत्ति जताई है। वहां के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले हफ्ते प्रेस ब्रीफिंग में इससे जुड़े एक सवाल पर कहा था, ‘हमने प्रासंगिक सूचना का संज्ञान लिया है। कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए।’ पाकिस्तान भी जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठक कराए जाने का विरोध किया है।
वेन्यू के तौर पर कई नामों पर चल रहा विचार
इकनॉमिक टाइम्स की पिछले हफ्ते की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले समूह की कई बैठकों की मेजबानी करेगा। इसके लिए कई वेन्यू पर विचार किया जा रहा है, जिनमें जम्मू-कश्मीर भी शामिल है। ईटी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जी-20 बैठकों के लिए कई वेन्यू पर चर्चा चल रही है और किसी भी जगह को अभी खारिज नहीं किया गया है।
जी-20 में ये देश हैं शामिल
जी-20 दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक समूह है। भारत के अलावा अमेरिका, यूके, अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और तुर्की इसके सदस्य हैं।
-एजेंसियां