‘लीजन ऑफ़ मेरिट’ सम्मान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले किन भारतीयों को मिला है ये सम्मान

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘लीजन ऑफ मेरिट’ डिग्री चीफ कमांडर अवॉर्ड से सम्मानित किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधु ने यह सम्मान ग्रहण किया.

इस मौक़े पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी.

उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदार में अहम भूमिका निभाने के लिए लीजन ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड दिया है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मान से नवाजे जाने के बाद कहा, “भारत के 1.3 अरब लोगों की तरफ़ से मैं ये दोहराता हूं कि मेरी सरकार अमेरिका की सरकार के साथ काम करने के प्रति प्रतिबद्ध है. 21वीं सदी ने दोनों देशों को अभूतपूर्व चुनौती पेश की है, साथ ही अवसर भी दिए हैं.”

“मैं लीजन ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए ये भारत और अमेरिका के लोगों की कोशिशों को मान्यता देता है.”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भी लीजन ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड दिया गया है. इन दोनों देशों के राजदूतों ने ही इस सम्मान को स्वीकार किया.

पीएम मोदी को पहले भी मिले हैं सम्मान

स्कॉट मॉरिसन और शिंज़ो आबे को यह सम्मान इंडो-पैसिफिक में स्वतंत्र आवाजाही को लेकर उठाए गए क़दम पर दिया है.

अमेरिका हाल के दिनों में सबसे नया देश है जिसने प्रधानमंत्री मोदी को उच्चस्तरीय सम्मान से नवाजा है. इससे पहले 2016 में सऊदी अरब, यूएई (2019), रूस (2019) और मालदीव भी अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान पीएम मोदी को दे चुके हैं.

भारत के प्रधानमंत्री देश के वो पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाज़ा गया है. लेकिन उनसे पहले कई अन्य भारतीयों को यह सम्मान मिल चुका है.

द लीजन ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड, उन सर्वोच्च सैन्य पदक में से एक है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति आम तौर पर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या फिर शासनाध्यक्षों को प्रदान करते हैं.

क्या है यह सम्मान

कोड ऑफ़ फ़ेडेरल रेगुलेशन के अनुसार 20 जुलाई 1942 में कांग्रेस ने लीज ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड की स्थापना की थी.

लीजन ऑफ़ मेरिट एकमात्र ऐसा सैन्य सम्मान है, जिसमें अलग-अलग रैंक होते हैं और यह पहला ऐसा सम्मान भी है जो दूसरे देशों के लोगों को भी दिया जाता है. यह सम्मान उत्कृष्ठ सेवा, निष्ठा, युद्ध अथवा युद्ध से इतर उच्च कोटि की वफ़ादारी और श्रेष्ठ काम के लिए दिया जाता है.

इसके चयन के कुछ मापदंड हैं

-अमेरिका के सशस्त्र बलों के लिए उनका प्रदर्शन उच्च कोटि का होना चाहिए. असाधारण प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया जाता है.

-अगर सेवा सीधे युद्ध से संबंधित नहीं है तो इस सम्मान को दिए जाने की सीमाएं और सीमित हो जाती हैं. ऐसे में उस व्यक्ति के पक्ष में ऐसे साक्ष्य होने चाहिए कि उसने कुछ विशिष्ट किया है. शांति काल में उसने श्रेष्ठ योगदान दिया है.

-दूसरे देश के सशस्त्र बल के सदस्यों के लिए मानदंड अलग है. उन विदेशी सैन्य कर्मियों को ही सम्मानित किया जा सकता है जिन्होंने एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर 9260 के तहत अमेरिका में उत्कृष्ठ सेवा और आचरण का परिचय दिया हो.

-विदेशी सशस्त्र बलों के सदस्यों या अन्य नागरिकों को चार श्रेणियों के तहत लीजन ऑफ़ मेरिट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाता है.

1. चीफ़ कमांडर
2. कमांडर
3. ऑफ़िसर
4. लेजियोनॉएर

इन चारों ही श्रेणियों में मेडल दिया जाता है. मोटे तौर पर सभी मेडल एक ही जैसे होते हैं लेकिन उनके आकार में श्रेणीबद्ध तरीक़े से अंतर होता है.

जो मेडल चीफ़ कमांडर दिया जाता है उसमें पांच सफ़ेद पत्तियों की तरह की रचना होती है. इन सफ़ेद पत्तियों के किनारे लाल रंग के होते हैं. केंद्र में नीले रंग की पृष्ठभूमि पर 13 तारे बने होते हैं.

सफ़ेद पत्तियों के मध्य का हिस्सा सुनहरा और हरा होता है.

नरेंद्र मोदी को चीफ़ कमांडर डिग्री से ही नवाज़ा गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले किन भारतीयों को मिला है ये सम्मान

जिन भारतीयों को यह सम्मान मिला है वो हैं-

-फ़ील्ड मार्शल कोडनडेरा मादप्पा करियप्पा- भारतीय सेना – साल 1950 (डिग्री-चीफ़ कमांडर)
-जनरल सत्यवंत मल्लाना श्रीगणेश- भारतीय सेना (1955) (डिग्री-चीफ़ कमांडर)
-जनरल राजेंद्रसिंघजी जाडेजा- भारतीय सेना – 1946 (डिग्री- कमांडर)
-एडमिरल जाल कुरसेतजी- भारतीय नौ सेना – 1978 (डिग्री- कमांडर)
-जनरल बिक्रम सिंह- भारतीय थल सेना – 2013 (डिग्री- कमांडर)
-जनरल दलबीर सिंह- भारतीय थल सेना – 2018 (डिग्री- कमांडर)

-एजेंसियां


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