आगरा: अब ताजमहल में नही घुस पाएंगे आवारा कुत्ते, ASI ने लगाई प्रवेश द्वारों पर बेरिकेडिंग

स्थानीय समाचार

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ताजमहल में आने वाले पर्यटकों को जानवरों से निजात दिलाने की पहल शुरू कर दी गयी है। पहले चरण में प्रवेश द्वारों पर बेरिकेडिंग कराकर आवारा कुत्तों को रोकने की तैयारी है। इसके बाद बंदरों से निजात दिलाने के लिए नगर निगम और वन विभाग के साथ मिलकर रणनीति तैयार की जा रही है।

बता दें कि ताजमहल पर आवारा कुत्तों, बंदरों और सांड़ों के आतंक का मामला बीते एक सप्ताह से पुरातत्व विभाग की किरकिरी करवा रहा था। ताजमहल के सेंट्रल टैंक में बंदरों और कुत्तों के डुबकियां लगाने, पानी के नलों पर बंदरों का पहरा होने और ताजमहल के बाहर रेड जोन में आवारा सांडों के घूमने और लड़ने के मामले सामने आ रहे थे।

विगत शनिवार सुबह बंदरों ने ताजमहल के मुख्य गुंबद पर बच्चे के ऊपर हमला कर पानी की बोतल छीन ली थी। हमला होने पर उसकी मां के द्वारा बंदरों से भिड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

अधीक्षण पुरातत्वविद आरके पटेल के अनुसार जब भीड़ ज्यादा हो जाती है तो कुत्ते भीड़ के पीछे अंदर घुस जाते हैं। कुत्तों को ताजमहल में घुसने से रोकने के लिए ताजमहल के पूर्वी व पश्चिमी दोनों गेटों पर बैरिकेडिंग के साथ एक-एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई गई है। इनकी जिम्मेदारी होगी की चाहे कितनी भी भीड़ हो, जानवर ताजमहल के अंदर प्रवेश न कर पाएं। इसके साथ ही नगर निगम की टीम भी अभियान चला कर ताजमहल के आस-पास के क्षेत्र से आवारा कुत्तों और आवारा सांडों को पकड़ेगी।

ताजमहल देखने आने वाले सैलानियों में बंदरों को लेकर आतंक का माहौल है। यह बंदर ताजमहल परिसर में झुंड बनाकर घूम रहे हैं और सैलानियों के हाथ में लगी पानी की बोतल व अन्य सामान छीनकर ले जाते हैं। भगाने पर पर्यटकों को घुड़की देते हैं और कभी- कभी झुंड में उनके पीछे दौड़ लेते हैं।

आर के पटेल का कहना है कि बंदरों की समस्या ताजमहल पर अधिक हो गयी है। बंदरों को परिसर में आने से रोकना मुश्किल है। इसके लिए वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और बंदरों को ताजमहल में प्रवेश से रोकने के लिये व्यापक रणनीति बनाई जाएगी।


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