चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि आने वाले दशकों में बीजेपी एक ऐसी चुनावी ताक़त बनी रहेगी जिसे हराना बहुत कठिन होगा.
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ ख़ास बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस को बिहार से सियासी घमासान और विपक्ष में कैसे रहा जाता है यह सीखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जो भी लोग ये सोचते हैं कि जो भी ऊपर जा रहा है और वो नीचे आ जाएगा ऐसा नहीं है, ऐसा शायद हो सकता है लेकिन उसमें काफ़ी समय है.
“बीजेपी आने वाले दशकों में भारत में एक ऐसी चुनावी पार्टी बनी रहेगी जिसे हरा पाना बहुत कठिन होगा.
भारत में एक स्तर पर जब आप एक बार 30 फ़ीसदी से अधिक वोट सुरक्षित रख लेते हैं तब किसी के चाहने से आप ग़ायब नहीं हो जाएंगे. इसका ये भी अर्थ नहीं है कि वो हर चुनाव जीतते रहेंगे.”
“शुरुआत के 40-50 सालों में भारत में राजनीति कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही, या तो आप कांग्रेस के साथ थे या आप उसके ख़िलाफ़ थे. अगले 20-30 सालों में मैं देखता हूं कि भारतीय राजनीति बीजेपी के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी. आप बीजेपी के साथ हैं या आप बीजेपी के ख़िलाफ़ हैं. जो लोग यह सोचते हैं कि वे अपने आप नीचे आ जाएगी, यह शायद सही आंकलन नहीं है.”
प्रशांत किशोर ने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि यह पांच साल बाद या दो साल बाद नहीं हो सकता है, लेकिन यह संभव है कि यह शायद 20-30 साल भी ले.
कांग्रेस के ऊपर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो इस समय इंदिरा कांग्रेस के रूप में है जो 1967 में अस्तित्व में आई थी.
उन्होंने कहा कि 1985 से कांग्रेस की एक राजनीतिक दल के रूप में गिरावट जारी है और आख़िरी बार 1984 में वो जीते थे, बहुत से लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं कि 1984 के बाद से कांग्रेस ने अपने दम पर भारत को नहीं जीता है.
-एजेंसियां
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