पाकिस्‍तान: जाते जाते इमरान और बुशरा बीबी करोड़ों के विदेशी तोहफों पर भी कर गए हाथ साफ

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने पद से तो हाथ धोया ही, साथ में तोहफों में मिले करोड़ों के विदेशी गहनों, घड़ी को बेचने के मामले सामने आने के बाद इज्‍ज़त भी गंवा दी।

खाड़ी देशों के दौरे पर गए इमरान खान को लौटते वक्त शाही परिवार ने उन्हें बतौर यादगार कुछ गिफ्ट्स दिए। इनमें एक डायमंड नेकलेस भी था जिसे तोशाखाना (ट्रेजरी) में जमा कराने की बजाय इमरान की शरीक-ए-हयात (पत्नी) बुशरा बीबी का इस नेकलेस पर दिल आ गया। उन्होंने इसे सरकारी खजाने में जमा कराने की बजाय अपने पास रख लिया।

पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट जफर नकवी कहते हैं- बुशरा बीबी ने इस नेकलेस को पहनने की बजाय बेचना मुनासिब समझा। इमरान के दाएं हाथ कहे जाने वाले मंत्री और उनके करीबी दोस्त जुल्फी बुखारी को बुलाया और इसे बेचने को कहा।

बुखारी लाहौर के जामिया रोड पहुंचे। यहां मुल्क का एक मशहूर ज्वेलरी शोरूम है। बुखारी ने इसे 18 करोड़ पाकिस्तानी रुपए में बेचा और रकम मोहतरमा बुशरा बेगम के हवाले कर दी। किसी तरह यह बात लीक हो गई।

मुताबिक FIA को भनक लगी तो उसने इमरान सरकार के गिरने के पहले ही इसकी गुपचुप जांच शुरू की। जांच में कोई अड़ंगा न लगे, इसलिए ISI को भी इसकी जानकारी दी। लाहौर के उस ज्वेलरी शोरूम के मालिक और मैनेजर को उठा लिया गया। उनसे पूछताछ की गई तो सच सामने आ गया। साफ हो गया कि जुल्फी बुखारी ने ही वो डायमंड नेकलेस बेचा था।

शोरूम में बुखारी की मौजूदगी के CCTV फुटेज भी मिल गए। नेकलेस बरामद करके उसे तोशाखाना में जमा करा दिया गया है। अब बुशरा बीबी और बुखारी पर केस दर्ज होगा। जांच की आंच इमरान खान तक भी पहुंचेगी। इस मामले में सबसे बड़ी हमराज बुशरा की दोस्त फराह खान या फराह शहजादी हैं। वो मुल्क छोड़कर दुबई के रास्ते अमेरिका पहुंच चुकी हैं।

मामला सिर्फ इस नेकलेस का नहीं है। पिछले साल सऊदी प्रिंस से मिले झुमके और करोड़ों की घड़ी बेचकर भी इमरान ने मुल्क को शर्मनाक हालात में पहुंचा दिया था। खास बात यह है कि सऊदी प्रिंस को ज्वेलर ने ही इमरान की करतूत बता दी थी।

सऊदी प्रिंस से मिली 16 करोड़ की घड़ी-झुमके इमरान ने 6 महीने ही बेच खाए

इमरान 2018 में PM बने। कई मुल्कों के दौरे किए, इनमें सऊदी अरब भी शामिल था। यहां के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने इमरान को बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की।

कैसे हुआ खुलासा

अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की। कहा- इमरान खान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। वैसे एक सच ये भी है कि इमरान कई बार कह चुके हैं कि बनी गाला स्थित उनका आलीशान घर उन्हें गिफ्ट में मिला था, लेकिन किसने दिया- ये नहीं बताते।

बचाव के लिए दिया बेहूदा तर्क

इस्लामाबाद हाईकोर्ट इमरान सरकार से पूछा- आप तोहफों की जानकारी अवाम को क्यों नहीं देते? सरकार के वकील ने कहा- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। इसके अलावा दूसरे देशों से हमारे रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते।

चोरी पकड़ी गई

पाकिस्तानी पत्रकार आरिफ अजाकिया और इमदाद अली शूमरो के मुताबिक- इमरान को सऊदी MBS ने गोल्ड से बनी और हीरों से जड़ी बेशकीमती रिस्ट वॉच गिफ्ट की थी। उन्होंने दो लिमिटेड एडिशन घड़ियां बनवाईं थीं। एक खुद के पास रखी थी। दूसरी इमरान को गिफ्ट की थी। इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए थी।

बुशरा बीबी की एंट्री

इमरान ने घर आकर यह रिस्ट वॉच पिंकी पीरनी (पत्नी बुशरा बीबी) को रखने के लिए दे दी। बुशरा ने यह घड़ी एक स्टाफर को दी, कीमत पता करने को कहा। स्टाफर ने बताया कि यह तो बेहद महंगी है।

बुशरा ने उस स्टाफर से इसे बेचने को कहा। ब्रांडेड घड़ी देखकर शोरूम के मालिक ने इसकी मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी को फोन कर दिया और यहीं से इमरान की कलई खुल गई। मेकर्स ने सीधे MBS के ऑफिस से संपर्क किया और बता दिया कि आपने जो 2 घड़ियां बनवाईं थीं, उनमें से एक बिकने के लिए आई है। ये आपने भेजी है या चोरी हुई है?

क्या है नियम

पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक- पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को लोगों मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है।

अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है। 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होगी।

– एजेंसी


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