प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमो ऐप द्वारा भारतीय जनता पार्टी के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी सरकारी योजनाओं के नाम पर चंदा लेने का मामला सामने आया है। वर्ष 2021 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पार्टी ने नमो ऐप पर एक माइक्रो-डोनेशन अभियान की शुरुआत की थी।
इसके जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थको को 5 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक की धन-राशि दान करने की अपील की गई थी। इस डोनेशन कैंपेन से जुड़ने के लिए सरकारी योजनाओं का हवाला तक दिया गया था।
पीएम मोदी ने खुद 1000 रुपए दान कर रसीद को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था “मैं भारतीय जनता पार्टी के पार्टी फंड में 1000 रुपए दान कर रहा हूं। आपके सूक्ष्म दान से हमारी पार्टी और केडर की राष्ट को पहले रखने वाली और संस्कृति की निर्स्वार्थ सेवा करने वाली विचारधार को मजबूती मिलेगी। अतः बीजेपी को मजबूत करने में मदद करे, भारत को मजबूत करने में मदद करें।”
आरटीआई कार्यकर्त्ता अरविंदक्षण ने प्रधानमंत्री ऑफिस को 16 सवालों वाली एक आरटीआई एप्लीकेशन भेजी। इसमें नमो ऐप से जुडी जानकारी मांगी गई। अरविंदक्षण ने पूछा है कि क्या ऐप को भाजपा और दूसरी सरकारी योजनाओं के लिए फंड जमा करने की इजाज़त मिली है?
‘द न्यूज़ मिनट’ की खबर के अनुसार 27 जनवरी, 2022 को पीएम ऑफिस ने जवाब देते हुए कहा, “मांगी गई जानकारी इस कार्यालय द्वारा रखे गए रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है।
ऐसी ही एक आईटीआई महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में दाखिल कर पूछा गया, क्या दोनों मंत्रालय ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर किसी एनजीओ या फिर नमो ऐप को चंदा जमा करने के लिए विशेष रूप से अनुमति दी है? इस पर 21 फरवरी, 2022 को जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ऐसी किसी विशेष अनुमति से साफ इनकार कर दिया।
कांग्रेस ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भाजपा सीधे-साधे देशवासियों के साथ ठगी कर रही है और सरकारी योजनाओं के नाम पर इस प्रकार की ठगी करना भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 415 के अंतर्गत जुर्म है।”
-बोलता हिंदुस्तान
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