मुंबई में आयकर IT विभाग ने छापेमारी के दौरान शिवसेना पार्षद यशवंत जाधव के परिवार और सहयोगियों के पास से दो करोड़ रुपये कैश बरामद किए हैं। यशवंत जाधव बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष भी हैं। आईटी विभाग ने शुक्रवार को जाधव उनके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों और बीएमसी के कुछ ठेकेदारों के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था।
जाधव के एक सहयोगी बिमल अग्रवाल के घर की भी तलाशी ली गई और वहां से नकदी भी बरामद की गई। उन्होंने हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज कराया था।
शेल कंपनियों में निवेश का आरोप
यह आरोप लगाया गया है कि जाधव ने 2018 और 2020 के बीच कथित तौर पर रिश्वत ली और शेल कंपनियों में निवेश किया। आयकर विभाग ने कूपर महल, मझगांव, भायखाला और अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
ठेकेदारों से कमीशन लेने का आरोप
यह भी आरोप है कि जाधव ने 2018 और 2020 के दौरान बीएमसी के टेंडर दिलाने में मदद करने के लिए ठेकेदारों से पैसे लिए थे। सूत्रों ने बताया कि जाधव को कमीशन के तौर पर करीब 15 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इस राशि को काला धन बताया गया है।
सूत्रों ने कहा कि जाधव ने यह पैसा कुछ निजी फर्मों को दिया, जिन्होंने बाद में पूरी राशि को उनकी फर्जी कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया। इनमें उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को शामिल किया गया था।
जाधव के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद आईटी विभाग ने गहन जांच शुरू की और पाया कि जाधव द्वारा कथित तौर पर लगभग 15 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।
दुबई की कुछ फर्मों से हुआ लेनदेन
आईटी विभाग को प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला था कि दुबई की कुछ फर्मों से उसके खाते में कुछ लेनदेन किए गए थे। आईटी अधिकारियों ने इस लेनदेन के संबंध में जाधव और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की थी।
विपक्ष ने की थी ऑडिट की मांग
बता दें कि बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष द्वारा निविदाएं पारित करने और भुगतान को मंजूरी देने से संबंधित सभी कार्य किए जाते हैं। महाराष्ट्र में विपक्ष ने पहले भी इस मुद्दे को उठाते हुए जाधव की ओर से पारित सभी निविदाओं के गहन ऑडिट की मांग की थी।
-एजेंसी
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