फ्यूचर रिटेल के स्टोरों का संचालन अब रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के हाथ में आ गया है। रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल के कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश भी की है। आरआईएल को खुदरा कारोबार बेचने के संबंध में किशोर बियानी के नेतृत्व वाले समूह के ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के साथ मुकद्दमों में उलझे होने के बावजूद ऐसा किया गया है।
बिग बाजार जैसे स्टोरों का कब्जा लेना शुरू
पूरे घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रिलायंस रिटेल ने उन परिसरों का कब्जा लेना शुरू कर दिया है, जिसमें फ्यूचर रिटेल बिग बाजार जैसे अपने स्टोरों का संचालन कर रहा है। रिलायंस अब उन्हें अपने ब्रांड स्टोर से बदल रहा है। उन्होंने बताया कि आरआईएल ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के कर्मचारियों को नौकरी देना और उन्हें रिलायंस रिटेल के पे-रोल पर लाना भी शुरू कर दिया है।
ऐमजॉन ने टिप्पणी करने से किया इंकार
इस बारे में टिप्पणी के लिए ऐमजॉन से संपर्क करने पर कंपनी ने कुछ कहने से इनकार कर दिया। रिलायंस-फ्यूचर सौदे की अगस्त 2020 में घोषणा के बाद कई रियल एस्टेट मालिकों ने रिलायंस से संपर्क किया था, क्योंकि फ्यूचर रिटेल किराया नहीं चुका पा रही थी। सूत्रों ने कहा कि इसके बाद रिलायंस ने इन प्रोपर्टी ऑनर्स के साथ लीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जहां भी संभव हुआ, इन परिसरों को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को सब-लीज पर दे दिया गया, ताकि कारोबार जारी रह सके।
घाटे में चल रहे स्टोरों पर कब्जा
सूत्र ने बताया कि जिन स्टोरों को रिलायंस अपने कब्जे में ले रही है, वे घाटे में चल रहे हैं। बाकी स्टोर एफआरएल द्वारा संचालित होते रहेंगे। इस तरह एफआरएल का परिचालन घाटा कम हो जाएगा। हालांकि, अब तक रिलायंस रिटेल के पास आ चुके स्टोरों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है। एक उद्योग सूत्र के अनुसार रिलायंस ऐसे परिसरों का मूल्यांकन करेगा, और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पाए जाने पर उनका उपयोग करेगा। इस तरह रिलायंस करीब 30,000 कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करेगा। ऐसा नहीं करने पर वे अपनी नौकरी खो देते।
कदम सभी के हित में
सूत्र ने कहा कि यह कदम बैंकों, लेनदारों और कर्मचारियों सहित एफआरएल के सभी हितधारकों के हित में है क्योंकि कंपनी का कारोबार जारी है और उसकी कीमत बनी हुई है।
-एजेंसियां
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