उर्मिला मातोंडकर ने 1983 में आई फिल्म ‘मासूम’ से चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर इंडस्ट्री में एंट्री ली थी। फिर 1992 में आई फिल्म ‘चमत्कार’ में वह बतौर लीड एक्ट्रेस नजर आई और धीरे-धीरे उन्होंने अपने करियर को एक मुकाम पर ले गईं। लेकिन उन्होंने जो ‘रंगीला’ करके पॉप्यूलैरिटी हासिल की, वैसा रिस्पॉन्स शायद ही उन्हें किसी फिल्म में मिला हो। लेकिन ऐक्ट्रेस को इस फिल्म को लेकर आज भी एक शिकायत है। उनका कहना है कि उन्हें इस फिल्म का क्रेडिट ही नहीं मिला। ऐक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में फिल्म का जिक्र करते हुए खुलासा किया कि उन्होंने फिल्म में जो किया वह ‘सेक्स अपील’ थी, उसका एक्टिंग से कुछ लेना देना नहीं था।
एक खास बातचीत के दौरान उनसे उनके करियर को लेकर काफी सवाल किए गए। और सभी का एक्ट्रेस ने खुलकर जवाब भी दिया। एक्ट्रेस ने अपने स्ट्रगलिंग डेज को याद करते हुए बताया, ‘मैंने बहुत स्ट्रगल किया है। मैं कभी भी अपनी फोटो लेकर किसी प्रोड्यूसर के ऑफिस नहीं गई। मेरी फैमिली भी दूर-दूर तक किसी फिल्म इंडस्ट्री से कनेक्टेड नहीं थी। मैं एक सिंपल मिडिल क्लास फैमिली से आती हूं। लेकिन जो होना होता है, वह होकर ही रहता है। मुझे ‘नरसिम्हा’ में रोल मिला क्योंकि जिस एक्ट्रेस को उस फिल्म के लिए साइन किया गया था उसे फ्रैक्चर हो गया था। और क्लाइमेक्स 500 जूनियर आर्टिस्ट्स के साथ शूट होना था। और वहां मुझे नाचना और गाना था। डांस की तो कोई ट्रेनिंग भी नहीं ली थी मैंने। लेकिन परफॉर्म करने के पहले ही मुझे मना कर दिया गया। अब मेरा कोई फेमस सरनेम तो था नहीं। 90 के दशक में तो मीडिया भी एकदम निर्दयी था। कुछ भी मेरे बारे में लिखे जा रहा था। और ऐसा करीब चार साल तक चला। लेकिन जब ‘रंगीला’ आई तब जाकर यह शांत हुआ।’
एक्ट्रेस ने रंगीला का जिक्र करते ही आगे बताया कि उन्हें उस फिल्म का भी क्रेडिट नहीं मिला। वह बताती हैं, ‘रंगीला’ के बाद लोगों ने ये कहा कि मैंने जो किया वह ‘सेक्स अपील’ थी, एक्टिंग से उसका कोई लेना देना नहीं था। और अगर ऐसा था तो ‘हाय रामा’ गाना एक कलाकार के बिना कैसे हो सकता था, क्या सिर्फ इमोशनल कर देने वाले सीन्स ही एक्टिंग हैं?
सेक्सी दिखना भी एक्टिंग की डिमांड है। मेरा किरदार फिल्म के हर गाने के जरिए बदल जाता था लेकिन क्रिटिक्स समझ ही नहीं पाए। किसी दिन मुझे उन सभी का नाम लेना शायद अच्छा लगेगा कि वह मुझे क्या बुलाते थे। इतनी बड़ी हिट देने के बावजूद, अवॉर्ड्स तो भूल ही जाइए, मेरे बारे में एक अच्छे शब्द तक नहीं लिखे गए। मेरे कपड़ों को, मेरे बालों को, मतलब सबको क्रेडिट मिला, लेकिन मुझे नहीं।’
उर्मिला ने आगे बताया कि ‘जिस लड़की ने 13 फ्लॉप फिल्में दीं, जिसके बारे में कहा जाता था कि वह तो लड़कों की तरह दिखती है और हीरो के साथ डबल मीनिंग गाने करती है, उसे एक्टर कंसीडर किया जाता है। लेकिन मेरे लिए कैमरे के आगे होना आध्यात्मिक अनुभव था। लता मंगेशकर और आशा भोसले का गाना ही मेरे लिए जीत थी। मुझे अवॉर्ड्स की जरूरत ही नहीं थी।’
-एजेंसियां