याददाश्त को दुरुस्त रखता है गाने-बजाने का शौक

Life Style

एक अध्ययन में सामने आया है कि अधेड़ उम्र में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने पर बाद की उम्र में स्मृति लोप होने का खतरा घट जाता है। स्वीडन में 800 महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया जिनकी औसम उम्र 47 थीं।

न्यूरोलोजी जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार मानसिक गतिविधियों में पढ़ना, वाद्ययंत्र बजाना, सामूहिक गायन, विभिन्न कार्यक्रमों में जाना, बागवानी करना, कसीदाकारी संबंधी कार्य, धार्मिक कार्यक्रमों में जाना आदि शामिल हैं।

स्वीडन के गोदनबर्ग विश्वविद्यालय के जेन्ना नजर ने कहा, ‘‘ये नतीजे संकेत करते हैं कि अधेड़ उम्र की ये गतिविधियां बुढ़ापे में स्मृति लोप को रोकने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में भूमिका निभा सकती हैं। ’’ नजर ने एक बयान में कहा, ‘‘यह रोमांचक है क्योंकि ये ऐसी गतिविधियां हैं जिन्हें लोग बड़ी आसानी से और बिना ढेर सा पैसा खर्च किये अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं।’’

कुल मिलाकर स्टडी में यह बात साबित हो चुकी है कि अगर आपको अपनी याददाश्त सही रखनी है तो गाना-बजाना शुरू कर दें।

-एजेंसियां


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