लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने यूपी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार उनके सामने किसी अन्य दावेदार के न आने की संभावना है, ऐसे में उनका निर्विरोध निर्वाचित होना लगभग तय माना जा रहा है।
ओबीसी नेता के तौर पर मजबूत पहचान
पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं। सरल स्वभाव, जमीनी राजनीति और आम लोगों के बीच मजबूत पकड़ उनकी सबसे बड़ी पहचान रही है। सातवीं बार महाराजगंज से सांसद चुने जाने के साथ ही उनका कद पार्टी और संगठन दोनों में लगातार बढ़ा है।
1989 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
पंकज चौधरी ने अपनी राजनीति की शुरुआत वर्ष 1989 में गोरखपुर नगर निगम से पार्षद का चुनाव लड़कर की थी। उसी वर्ष गोरखपुर से अलग होकर महाराजगंज जिला बना, जिसके बाद उन्होंने महाराजगंज को अपनी राजनीति का केंद्र बनाया और वहीं से आगे बढ़ते रहे।
लोकसभा में जीत–हार का सफर
उन्होंने 1991 में पहली बार महाराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया। इसके बाद लगातार तीन चुनावों में जीत दर्ज की। वर्ष 1999 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2004 में उन्होंने जोरदार वापसी की। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 में लगातार जीत दर्ज कर अपनी मजबूत राजनीतिक स्थिति कायम रखी।
व्यवसायिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
1964 में जन्मे पंकज चौधरी एक व्यवसायिक परिवार से आते हैं। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की है। वे महराजगंज जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल तक पहुंच
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए शिवप्रताप शुक्ल को हटाकर पंकज चौधरी को जगह दी थी। इसके बाद से पार्टी में उनकी भूमिका और प्रभाव लगातार बढ़ता गया।
कुर्मी वोट बैंक पर मजबूत पकड़
पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग के तहत आता है। उत्तर प्रदेश में कुर्मी मतदाताओं की संख्या करीब 5 से 6 प्रतिशत मानी जाती है। धीरे-धीरे उन्होंने इस वर्ग में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल के साथ संतुलन साधते हुए भाजपा ने पंकज चौधरी के कद को और मजबूत किया है।
मशहूर ‘राहत रूह’ हेयर ऑयल से जुड़ा नाम
पंकज चौधरी एक सफल व्यवसायी भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वे लोकप्रिय आयुर्वेदिक हेयर ऑयल ‘राहत रूह’ बनाने वाली कंपनी हरबंशराम भगवानदास से जुड़े हैं, जो खासकर पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश में काफी प्रसिद्ध है।
करोड़ों की संपत्ति के मालिक
2024 के चुनावी हलफनामे के अनुसार पंकज चौधरी की कुल संपत्ति ₹41 करोड़ से अधिक है। उनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा तक दर्ज है। वर्ष 2004 में उनकी संपत्ति लगभग ₹1 करोड़ थी, जो बीते दो दशकों में बढ़कर ₹41 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है।
कंपनियों से होती है कमाई
पूर्वी उत्तर प्रदेश में ‘किंगमेकर’ की छवि रखने वाले पंकज चौधरी हरबंस राम भगवान दास आयुर्वेदिक संस्थान प्राइवेट लिमिटेड, गोरखपुर और उज्ज्वल ग्रीन पावर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजगंज में निदेशक पद पर भी हैं।
पत्नी की संपत्ति भी करोड़ों में
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों के अनुसार पंकज चौधरी और उनकी पत्नी की संयुक्त संपत्ति करीब ₹41.9 करोड़ है। उनकी पत्नी भाग्यश्री चौधरी की व्यक्तिगत संपत्ति लगभग ₹19–20 करोड़ के आसपास आंकी गई है।
पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं
पंकज चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में गिना जाता है। एक बार गोरखपुर दौरे के दौरान पीएम मोदी का अचानक उनके आवास पर पहुंचना काफी चर्चा में रहा था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
2027 चुनाव की रणनीति में अहम भूमिका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की रणनीति बनाई है। कुर्मी समाज यादवों के बाद ओबीसी का दूसरा सबसे बड़ा समूह माना जाता है और प्रदेश की 30 से 40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है। तराई, काशी, गोरखपुर, अवध और रुहेलखंड क्षेत्रों में इस वर्ग का खासा प्रभाव है। संतोष गंगवार के राज्यपाल बनने के बाद पंकज चौधरी भाजपा के प्रमुख कुर्मी चेहरे के रूप में उभरे हैं और अब संगठन की कमान संभालने की तैयारी में हैं।

