आगरा/वृंदावन। समाजसेवा और राष्ट्रहित के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले वृंदावन निवासी 96 वर्षीय लोकतंत्र सेनानी रामप्रकाश गर्ग मृत्यु के उपरांत भी मानवता की मिसाल बन गए। उनके निधन के बाद परिवारजनों ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनका पार्थिव शरीर एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा को दान कर दिया, जिससे भावी चिकित्सक अध्ययन और शोध के माध्यम से मानव सेवा को आगे बढ़ा सकें।
अंतिम इच्छा का सम्मान, पार्थिव शरीर हुआ मेडिकल कॉलेज को समर्पित
रामप्रकाश गर्ग, रंगजी का नगला, वृंदावन के निवासी थे और लोकतंत्र संरक्षण आंदोलनों में सक्रिय योगदान के लिए सम्मानित रहे। लंबे समय से वे समाज uplift और सेवा कार्यों में जुड़े रहे। उन्होंने जीवनकाल में ही देहदान संकल्प लिया था।
उनकी इच्छा पूरी करने के लिए पुत्र वीरेन्द्र गर्ग ने ‘प्रयास फाउंडेशन’ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल से संपर्क किया। सूचना मिलते ही श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने निःशुल्क शव-वाहन वृंदावन भेजा और पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक आगरा पहुंचाया।
एस.एन. मेडिकल कॉलेज में सम्मानपूर्वक देहदान ग्रहण
एस.एन. मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. अंजलि गुप्ता के निर्देशन में कर्मचारी सुनील ने श्रद्धापूर्वक देह को ग्रहण किया। इस दौरान पुत्र वीरेन्द्र गर्ग और गौरव गर्ग, बजाजा कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार अग्रवाल, महासचिव राजीव अग्रवाल, समाजसेवी कृष्ण कुमार अग्रवाल तथा नंदकिशोर गोयल मौजूद रहे।
मानवता की प्रेरक मिसाल
परिवारजनों और समाज के लोगों ने कहा कि रामप्रकाश गर्ग ने जीवन में हमेशा सेवा और सादगी को अपनाया और मृत्यु के बाद भी मानवता की अनूठी सीख देकर गए। उनका देहदान भावी चिकित्सकों को शिक्षण–अनुसंधान में योगदान देगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
रामप्रकाश गर्ग का यह कदम मानव सेवा की वेदी पर एक अमर संदेश छोड़ गया—“जीवन अंत नहीं, सेवा का अवसर है।”

