उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है। पॉवर कॉर्पोरेशन की ओर से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल बिजली दरों में 40 से 45 फीसदी बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव स्वीकार होता है तो उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगेगा। ऐसे में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम फिक्स चार्ज 8 और शहरी के लिए 9 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगा। उन्हें अधिकतम फिक्स चार्ज के साथ प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज, विद्युत कर और दूसरे शुल्क जोड़कर प्रति यूनिट 12 से 13 रुपये चुकाने होंगे।
वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक लोकमहत्व प्रस्ताव दाखिल करते हुए असंवैधानिक टैरिफ बढ़ोतरी को खारिज करने की मांग उठाई है।
उन्होंने कहा अडानी, टाटा, एनपीसीएल अभी उत्तर प्रदेश में आए नहीं उनका टैरिफ उत्तर प्रदेश में आ गया। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि, सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि, भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में गरीबों को 100 यूनिट तक रुपया 3 प्रति यूनिट था उसमें भी 33% इजाफा करके अब रूपया 4 प्रति यूनिट कर दिया।
अभी यही चौंकाने वाला मामला नहीं है गांव की अधिकतम बिजली दर अब रुपया 8 प्रति यूनिट प्रस्तावित की गई है और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की रुपया 9 प्रति यूनिट प्रस्तावित की है। वहीं, शहरी घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का जो फिक्स चार्ज पहले रुपया 110 प्रति किलो वाट हुआ करता था, अब उसे रुपया 190 प्रति किलो वाट प्रस्तावित किया गया है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में जो फिक्स चार्ज रुपया 90 प्रति किलो वाट हुआ करता था उसे रुपया 150 प्रति किलो वाट प्रस्तावित किया गया है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा, घरेलू विद्युत उपभोक्ता जो थे पहले उनकी बिजली दरों का कर स्लैब था अब उसमें स्लैब को भी तीन भागों में बांट दिया गया है। उसे आने वाले समय में कुछ स्लैब में 50% से ज्यादा बिजली दरों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। फिक्स चार्ज को जोड़ लिया जाए तो उत्तर प्रदेश में अब बिजली दरें लगभग रुपया 12 से 13 प्रति यूनिट के आसपास पहुंच जाएगी।
अवधेश कुमार वर्मा ने आगे कहा कि, पावर कॉरपोरेशन पूरी तरह ऊर्जा सेक्टर को तबाह करने पर लगा है और सबसे चौंकाने वाला मामला यह है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री चुपचाप तमाशा देख रहे हैं। उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ भाजप की सरकार या भूल गई है कि वह कभी बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर नियामक आयोग में धरना प्रदर्शन करने जाती थी और आज सत्ता उत्तर प्रदेश की बिजली दरों में इतना बड़ा इजाफा करने जा रही है उपभोक्ता परिषद के रहते या संभव नहीं है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सर प्लस निकल रहा है। ऐसे में अब हर हाल में विद्युत नियामक आयोग से हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी और विद्युत नियामक आयोग 45% उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी करके उसका हिसाब बराबर करें।
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