– यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम तहत विशेष कार्यशाला का आयोजन
– तंबाकू और धूम्रपान से बचें, स्वस्थ जीवन जीने के लिए जागरूकता बढ़ाएं
आगरा: शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरीपर्वत वेस्ट की ओर से राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान, तंबाकू नियंत्रण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिनमें तंबाकू के उपयोग के खतरे, तंबाकू नियंत्रण के नीतिगत उपाय, और तंबाकू नियंत्रण के लिए सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता शामिल हैं।
कार्यशाला का उद्देश्य तंबाकू और धूम्रपान से होने वाले घातक रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करना था। आयोजित कार्यशाला में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तंबाकू सेवन से मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभावों से संबंधित जानकारी भी दी गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू और धूम्रपान से फेफड़े, मुंह, और गले का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा धूम्रपान करने से हृदय रोग, स्ट्रोक, और फेफड़ों की बीमारियां हो सकती हैं। स्वस्थ जीवन जीने के लिए तंबाकू सेवन से बचें। तंबाकू से बचाव के लिए आसपास के लोगों को जानकारी देकर तंबाकू नियंत्रण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अपना सहयोग अवश्य प्रदान करें।
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एसएम प्रजापति ने बताया कि तंबाकू और धूम्रपान से होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हमारा विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे तंबाकू और धूम्रपान का सेवन ना करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नोडल अधिकारी ने बताया कि कोटपा (COTPA) कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन पर जुर्माने का प्रावधान भी एक सकारात्मक कदम है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीनम चतुर्वेदी कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गर्भावस्था के दौरान तंबाकू का सेवन करने से शिशु का वजन कम हो सकता है, समय से पहले प्रसव हो सकता है, और शिशु की मृत्यु हो सकती है। इसलिए, गर्भवती को तंबाकू का सेवन करने से बचना चाहिए।
डॉ. वीनम चतुर्वेदी ने बताया कि गर्भवती के लिए नशीले मंजन का सेवन अत्यधिक जोखिम भरा होता है, क्योंकि इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू और धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए प्रेरित करना था।
ऐसे छोड़ सकते हैं तंबाकू की लत
• तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक की मदद ले सकते हैं।
• इसकी लत धीरे-धीरे छोड़ने की बजाय दृढ़ इच्छाशक्ति से एक बार में छोड़ देना चाहिए। शराब से दूरी बना कर तंबाकू छोड़ सकते हैं।
• इलायची, अनार दाने की गोलियां, भुनी हुई सौंफ, मिस्री जैसी वैकल्पिक चीजों का सेवन कर भी तंबाकू छोड़ा जा सकता है।
• निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, योग, प्राणायाम और मोबाइल एप्स की मदद से भी यह लत छोड़ सकते हैं
माँ पर प्रभाव
• उच्च रक्तचाप और हृदय रोग, तंबाकू का सेवन रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
• गर्भपात का खतरा, तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन गर्भपात की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
• असमय प्रसव, तंबाकू सेवन से समय से पहले प्रसव होने की आशंका रहती है, जिससे माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
शिशु पर प्रभाव
• कम वजन का जन्म
• श्वसन संबंधी समस्याएँ
• मस्तिष्क और स्नायविक विकास पर असर
• अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS)