आगरा: स्कूलों में अक्सर बाल शोषण की शिकायतें आती रहती हैं। बच्चों को शोषण से बचाने के लिए स्कूलों में शिकायत पेटिकाएं लगवाई जाएंगी। जहां बच्चे निडर होकर छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न संबंधी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस की मांग पर एडी बेसिक ने बीएसए को निर्देश जारी किए हैं।
झिझक के चलते नहीं उठा पातीं आवाज
स्कूलों में बच्चों के साथ यौन शोषण तथा छेड़छाड़ के मामले प्रकाश में आ रहे है। शर्म तथा झिझक के चलते अधिकांश मामलों में लड़कियां खुलकर शिकायत नहीं कर पाती है। बहुत कम मामलों में शिकायत करती हैं। स्कूलों में होने वाली शोषण की घटनाओं की जानकारी बच्चे अपने परिजनों को नहीं दे पाते हैं। अगर कोई बच्चा हिम्मत करके शिकायत करता है तो परिजन भी उसे डांटकर चुप करा देते हैं।
स्कूल का सुरक्षा तंत्र हो मजबूत
कोशिश फाउण्डेशन के संस्थापक अध्यक्ष नरेश पारस ने कहा कि स्कूलों में बच्चों का सुरक्षा तंत्र विकसित होना बहुत जरूरी है। सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूलों में शिकायत पेटिकाएं लगवाई जाएं। जिसमें छात्र/छात्राएं अपने साथ होने वाले शोषण की शिकायत लिखकर पेटिका में डाल सकें।
इनसे कराई जाए माॅनीटरिंग
शिकायतों के समाधान के साथ साथ मॉनीटरिंग कमेटी बनाने की मांग की है। जिसमें महाविद्यालय के प्रवक्ता, शिक्षक प्रतिनिधि, शिक्षा विभाग के अधिकारी, महिला पुलिस अधिकारी तथा बाल अधिकार कार्यकर्ता/विशेषज्ञ नामित किए जाएं। उन्हीं की मौजूदगी में शिकायत पेटिका को खोला जाए। साथ ही बच्चों को यह भी आश्वासन दिया जाए कि उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। इससे बाल शोषण के मामलों में कमी आएगी।
सीडीओ के आदेश बेअसर
दो वर्ष पूर्व 2023 में नरेश पारस की मांग पर सीडीओ के आदेश पर बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को शिकायत पेटिकाएं लगवाने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनकी निष्क्रियता से धरातल पर लागू नहीं हुए।