नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में FIITJEE कोचिंग संस्थान के कई सेंटर बंद हो गए हैं। इसे छात्र और परिजन परेशान हैं। कई जगहों पर संस्थान के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज करवाई गई हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इस संस्थान के शिक्षकों ने भी सामूहिक इस्तीफ दे दिया है। इससे परिक्षा करीब आने के बाद छात्रों और परिजनों की धड़कने बढ़ गईं हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि FITJEE के संस्थान अचानक बंद हो गए? आइये जानते हैं।
क्यों संकट में आया ये कोचिंग संस्थान?
कोचिंग संस्थान के खिलाफ लाइसेंस और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर कई ब्रांच पर कार्रवाई की गई थी। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद कोचिंग संस्थान की गिरावट शुरू हुई। संस्थान में शिक्षकों की सलाना आय 15 लाख रुपये से लेकर 2 करोड़ रुपये के बीच थी। कई महीनों का वेतन ना मिलने के कारण कई शिक्षकों ने एक साथ इस संस्थान से इस्तीफा दे दिया।
FIITJEE पर आरोप है कि इसने कोचिंग सेंटरों के अलावा अन्य दूसरे व्यवसायों में भी अपने फंड का इस्तेमाल किया। वित्तीय संकट में आने के बाद शिक्षक और निवेशक दोनों ने इस संस्थान से दूरी बना ली। FIITJEE के कथित तौर पर 41 शहरों में 72 केंद्र हैं और 300 से अधिक कर्मचारी हैं।
कहां कहां बंद हुए सेंटर?
देश के कई शहरों से इस संस्थान के सेंटर बंद होने की खबर सामने आ रही है। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं। कई अभिभावकों ने पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई है। इसके साथ ही दिल्ली के कालू सराय में कोचिंग संस्थान की भी कई कक्षाओं को बंद कर दिया गया है। यहां भी शिक्षकों को वेतन ना दिए जाने की बात सामने आ रही है।
किसने शुरू की थी ये संस्था?
FIITJEE को तीन दशक पहले डीके गोयल ने शुरू किया था। वह आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके हैं। FIITJEE इंजीनियरिंग में प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने में एक्सपर्ट मानी जाती हैं और NEET परीक्षा की तैयारी भी कराई जाती है। इसके साथ ही 8वीं से 10वीं के छात्रों को भी इस संस्थान में कोचिंग दी जाती है। अब देखना आने वाले समय में FIITJEE कैसे इस गिरावट से उबर पाता है क्योंकि इससे अब उसकी प्रतिष्ठा और अस्तिव खतरे में दिखाई दे रहा है।
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