–वृंदावन-मथुरा में स्टीमर संचालन के लिये गोकुल बैराज से नही हो रहा निर्धारित डिसचार्ज
आगरा महानगर में गंगाजल की पाइप लाइन से सप्लाई होने के बावजूद नागरिकों की 135 लि.प्रतिदिन (CPHEEO -Central Public Health & Environmental Engineering Organisation) की मानक जरूरत के लायक पानी की उपलब्धता अपर्याप्त है।यह स्थिति तब है,जबकि महानगर को अपर गंगा कैनाल से पाइप लाइन के द्वारा 140 क्यूसेक गंगाजल की आपूर्ति हो रही है और नगर निगम के सभी वार्डों का वाटर वर्क्स का पानी जल निगम के अवस्थापना संबंधित आपूर्ति नहीं किया जा सका है।
उपरोक्त मुद्दे पर सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने नगर निगम कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष श्री रवि माथुर से उनके पीपल मंडी स्थित निवास पर सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सदस्यों के द्वारा चर्चा कर तथ्य पत्र प्रदान कर उनसे नगर निगम,जलसंस्थान और अधिकारियों को जानकारियां उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया।महानगर की जलापूर्ति के लिये 445.35 एम एल डी पानी की जरूरत(एडीबी -Asian Development Bank के लिये बनाये गये स्मार्ट सिटी डौक्यूमेंट के अनुसार) होती है।जबकि प्रचलित जानकारी के अनुसार 300 एम एल डी पानी ही उपलब्ध होता है।
–आगरा में यमुना जल शोधन बन्द
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने जीवनी मंडी जलकल और सिकंदरा जलकल की शोधन इकाइयों के बंद हो जाने के बाद जल निगम और जलकल प्रशासन के द्वारा नगर निगम सदन आधिकारिक जानकारियां उपलब्ध न करवाये जाने के फलस्वरूप नागरिकों को उपलब्ध जानकारियों के अनुसार जल कार्य –।(जीवनी मंडी ) जो कि 250 एम एल डी की स्थापित क्षमता के सापेक्ष 180 एम एल डी और जल कार्य-।।(सिकंदरा जलकल)जो कि 144 एम एल डी क्षमता के सापेक्ष 90 एमएलडी शोधित जल महानगर की जल आपूर्ति के लिये उपलब्ध करवाते थे,अब कार्यरत नहीं रह गये हैं।जलकार्य-। (जीवनी मंडी) का उपयोग यमुना जल के शोधन के लिये बिल्कुल ही बन्द हो चुका है।सामान्य जनों की जानकारी के अनुसार यमुना नदी में पानी की उपलब्धता अत्यधिक न्यून और प्रदूषण से भरपूर होना इसका मुख्य कारण है।
–मथुरा के कारण संकट
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सदस्यों ने श्री माथुर को बताया कि यमुना नदी की दुर्दशा का मौजूदा चरण भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI- Inland Waterways Authority of India ) के द्वारा वृंदावन -मथुरा के बीच के भाग का अंतर्देशीय जलमार्ग संख्या -110 के रूप में इस्तेमाल करने से शुरू हुई है। ‘नेशनल वाटर वे- 110’ के रूप में वृंदावन -गोकुल के बीच 22 कि मी नदी के जल बहाव मार्ग का उपयोग जल मार्ग के रूप में मथुरा क्रूज लाइन प्राइवेट लिमिटेड ( MATHURA CRUISE LINES PRIVATE LIMITED) के द्वारा यात्री कुंज ‘गरुण’ के संचालन के साथ शुरू किया जा चुका है। इस जल यात्रा मार्ग पर 11 जगहों पर टर्मिनल बनाए गए हैं। जिनमें जुगल घाट, विहार घाट, केशी घाट, देवराह बाबा घाट, स्वामी घाट, विश्राम घाट, सुदर्शन घाट, गोकुल घाट, कंस किला, पानी गांव और गोकुल बैराज शामिल है।
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सदस्यों ने बताया कि क्रूज और बडी यात्री नौकाओं को तैराने के लिए नदी में आवश्यक जलस्तर बनाये रखने के लिये गोकुल बैराज से पानी का डिस्चार्ज लगभग रोक ही दिया गया है। बैराज की योजना के तहत 1300 क्यूसेक पानी का आगरा सहित डाउन स्ट्रीम के लिये डिसचार्ज होना निर्धारित है।
–नगर निगम का विशेष अधिवेशन बुलायें
सोसाइटी के सदस्यों के द्वारा उपाध्यक्ष से अनुरोध किया गया कि आगरा की पानी की जरूरत के लिये जलकल की दोनों इकाइयों का संचालन शुरू करवाया जाना अत्यंत जरूरी है, उपरोक्त वस्तुस्थिति से पार्षदो,नगर निगम के पदेन सदस्यों को अवगत करवाने के लिए मेयर से निगम सदन का विशेष अधिवेशन आहूत करवाने के लिये कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव लाकर विचार करें। 13 दिसम्बर ,2024 को श्री माथुर से मुलाकत करने वालों में सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के अध्यक्ष डा शिरोमणी सिंह, सैकेट्री अनिल शर्मा,राजीव सक्सेना और असलम सलीमी आदि शामिल थे।
-up18News
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