– पल्स पोलियो अभियान में सात विभाग मिल कर उदासीन परिवारों को करेंगे प्रेरित
– घर घर भ्रमण के दौरान खसरा के संभावित मरीजों को भी रिपोर्ट करेंगी पल्स पोलियो टीम
– तहसील टास्क फोर्स (टीटीएफ) बैठक हुई संपन्न
आगरा: जनपद में आठ दिसम्बर से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी अरविंद अलप्पा बंगारी ने सात विभागों की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने पत्र जारी कर इन विभागों को विस्तृत दिशा निर्देश दिये हैं। पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने में सहयोग करने के साथ साथ यह विभाग उदासीन (इंकारी) परिवारों को भी प्रेरित करेंगे ताकि उनके घर के बच्चे दवा पी सकें। साथ ही घर घर भ्रमण के दौरान पल्स पोलियो की टीम को खसरा के संभावित मरीजों की रिपोर्ट भी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर करनी होगी। इस संबंध में शुक्रवार को सदर तहसील सभागार में नायब तहसीलदार प्रियंका चौधरी की अध्यक्षता में सातों विभागों के प्रतिनिधियों के साथ तहसील टास्क फोर्स (टीटीएफ) बैठक संपन्न हुई।
तहसीलदार ने बताया कि प्रशिक्षण, माइक्रोप्लान, वैक्सीनेटर का क्षमतावर्धन करके गैप्स को दूर करने को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही हाई रिस्क ग्रुप पर फोकस करके नोमाड्स, ईंट भट्टा, निर्माणाधीन स्थल, झुग्गी झोपड़ी, मालिन बस्तियां, रेड लाइट एरिया, बाल सुधार गृह, जेल में रहे बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने पर चर्चा हुई।
नायब तहसीलदार ने बैठक में बताया कि जिलाधिकारी महोदय ने स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, आपूर्ति विभाग, नगर निकाय विभाग, पंचायती राज विभाग, आईसीडीएस और बेसिक शिक्षा विभाग को अभियान में सहयोग करने का निर्देश दिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता और स्थानीय पल्स पोलियो की टीम को पहले से ही अध्यापक, शिक्षामित्र, ग्राम प्रधान या वार्ड मेंबर अथवा उत्तरदायी व्यक्ति, धर्मगुरू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क कर गतिविधियों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराना है। सुपरवाइजर इस कार्य का फॉलो अप करेंगे। सभी अधीक्षक अभियान के दौरान नियमित सांध्यकालीन बैठकें कर समीक्षा करेंगे और डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ के फीडबैक के आधार पर गैप्स को दूर करेंगे। पोलियो की प्रत्येक टीम को फीवर बिद रैश (संभावित खसरा) मरीजों की रिपोर्ट भी करनी होगी।
सीएमओ ने बताया कि दिसम्बर 2023 में चले पल्स पोलियो अभियान के दौरान करीब 9.43 लाख घरों के 6.95 लाख बच्चों को दवा पिलाई गई थी। इस वर्ष आठ दिसम्बर को जिले भर में बूथ पर दवा पिलाई जाएगी । नौ से तेरह दिसम्बर तक पल्स पोलियो की टीम घर घर जाकर दवा पिलाएंगी। छूटे हुए बच्चों को बी टीम द्वारा 16 दिसम्बर को दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद सत्रह दिसम्बर को इन राउंड सर्वे कर पता लगाया जाएगा कि कहीं कोई अन्य बच्चा छूट तो नहीं रह गया है। ऐसे बच्चों को भी दवा पिलाई जाती है। बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश है कि अभियान के बूथ दिवस पर आठ दिसम्बर को सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक खुले रखे जाएं। बुलावा टोली की मदद से पांच वर्ष तक के बच्चों को बुला कर पल्स पोलियो की दवा पिलाई जाए। सभी शिक्षा विभाग के सुपरवाइजर भी सांध्यकालीन बैठक में प्रतिभाग अवश्य करेंगे।
माताओं को प्रेरित करें आंगनबाड़ी सहायिका
बैठक में बताया गया कि आईसीडीएस से जुड़ी आंगनबाड़ी सहायिका को अपने केंद्र पर पंजीकृत तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को बूथ तक लाकर दवा पिलवानी है । तीन वर्ष के कम उम्र के बच्चों की माताओं को प्रेरित करना है कि वह बूथ पर पहुंच कर अपने पोलियो की दवा पिलाएं। गांवों में ग्राम प्रधान या ग्राम सचिव और नगरों में वहां के जनप्रतिनिधि या वार्ड मेंबर के जरिये बूथ का उद्घाटन करने के साथ साथ उदासीन (इंकारी) परिवारों को स्थानीय प्रभावशाली लोगों के सहयोग से दवा पिलवाने के लिए तैयार करने को कहा गया है। आपूर्ति विभाग से जुड़े कोटेदार और राजस्व विभाग से जुड़े लेखपालों को भी प्रभावशाली लोगों की मदद से बच्चों के दवा पिलवाने का निर्देश जारी किया गया है।
बैठक में नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेश्वर श्रीवास्तव, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, अधीक्षक सहित यूनिसेफ व अन्य विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
कूड़ा कलेक्शन वैन से दिया जाएगा संदेश
जिलाधिकारी ने जिला स्वास्थ्य समिति और जिला ट्रांसपोर्ट की बैठक में निर्देश दिए की जिन स्थानों पर बीते वर्ष पल्स पोलियो अभियान के दौरान पोलियो की दवा पीने से छुटे बच्चे रह गए और जहां टीकारण कवरेज कम है वहां पर नगर निगम की कूड़ा कलेक्शन की वैन में लगे लाउडस्पीकर के माध्यम से टीकाकरण कराने और पोलियो की दवा पिलाने के संदेश दिए जाएंगे
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