आगरा: हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्र द्रोह एवं किसानों के अपमान को लेकर जिले की अदालत में दायर मुकदमे में कार्यवाही एक कदम और आगे बढ़ गई है। इस मामले में कंगना को कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है। स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए अनुज कुमार सिंह ने कंगना रनौत के विरुद्ध नोटिस जारी कर आगामी 28 नवंबर को अपना पक्ष रखने के लिए आदेश किए हैं।
गौरतलब है कि कंगना रनौत के विरुद्ध शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने पिछली 11 सितंबर को वाद दायर किया था। इस वाद में कहा गया कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने एक बयान जो अखबारों में छपा था पढ़ा, जिसमें कंगना ने कहा कि अगस्त, 2020 से दिसंबर, 2021 तक जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, बलात्कार हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। कंगना रनौत पर वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया। किसानों को हत्यारा बलात्कारी और उग्रवादी तक कह दिया।
वादी अधिवक्ता ने अपने वाद में कहा है कि क्योंकि वह भी एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेती भी की है। इसलिए उनकी भी भावनाएं आहत हुईं हैं।
अधिवक्ता ने अपने वाद पत्र में यह भी कहा है कि 17 नवंबर, 2021 को कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं और यह भी कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तो सन 2014 में तब मिली जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी। इससे साफ जाहिर है कि स्वतंत्रता आंदोलन में जिन देशभक्तों ने अपनी शहादतें दीं तथा फांसी के फंदे चूमे हजारों लाखों स्वतंत्रता नेताओं ने जेल यात्राएं सहीं। अंग्रेजों के जुल्म सहे। उनका भी कंगना ने अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान पूरे राष्ट्र का अपमान है। देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।
कोर्ट में मंगलवार को वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा की ओर से ग्रेटर आगरा बार के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, रामदत्त दिवाकर, आरएस मौर्य, राकेश नौहवार, बीएस फौजदार, राजेंद्र गुप्ता, धीरज, उमेश जोशी, डॉ. राज कुमार ने तथ्यों के साथ बहस की साथ ही याचना की, जिसमें उन्होंने कहा कि कोर्ट को कंगना द्वारा किए गए राष्ट्रद्रोह और किसानों के प्रति किए अपराध में तलब कर दंडित किया जाए। कोर्ट ने अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद कंगना रनौत को अपना पक्ष रखने के लिए 28 नवंबर को स्वयं हाजिर होकर अपना पक्ष रखने के लिए आदेश जारी किए हैं।