ओटावाः कनाडा से तनाव के बीच भारत ने वहां से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनायिकों को वापस बुला लिया है जबकि दिल्ली में कनाडा के छह डिप्लोमैट को भारत ने निष्कासित कर दिया है। भारत के इस कड़े रुख पर अब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो का बयान सामने आया है। टूडो ने कहा कि कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगी। कनाडा के नागरिकों की सुरक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है।
टूडो ने कहा कि आप में से कई लोग नाराज़, परेशान और भयभीत हैं, में समझता हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए। कनाडा-भारत का लोगों के बीच आपसी संबंधों, व्यापार और कारोबार में निहित एक लंबा इतिहास है लेकिन हम अभी जो देख रहे हैं, उसे सहन नहीं कर सकते। जब मैंने पिछले सप्ताह के अंत में पीएम मोदी से बात की तो मैंने इस बात पर जोरदार देकर कि इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर में हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बैठक होने वाली थी। उन्हें उस बैठक के बारे में पता था और मुझे भी। उन पर दबाव डाला कि बैठक को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।
कनाडाई पीएम जस्टिन टूडो का कहना है कि यह कोई विकल्प नहीं है जो कनाडा ने कनाडा-भारत संबंधों में तनाव पैदा करने के लिए चुना गया है। भारत एक महत्वपूर्ण लोकतंत्र है। भारत और कनाडा के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध हैं। हमें एक साथ रहना होगा। हम लड़ाई नहीं चाहते हैं। इसलिए हर कदम पर हमने भारत को जो कुछ भी पता है उससे अवगत कराया है।
जस्टिन ट्रूडो ने जारी किया आधिकारिक बयान
जस्टिन ट्रूडो ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कनाडा कानून के शासन पर आधारित देश है और हमारे नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसीलिए जब हमारी कानून प्रवर्तन और खुफिया सेवाओं ने विश्वसनीय आरोपों का पीछा करना शुरू किया कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे।
उन्होंने कहा कि हमने भारत सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया और उनसे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालने के लिए हमारे साथ काम करने को कहा। साथ ही, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी उपकरणों का उपयोग किया है।
साभार सहित
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