मोदी सरकार ने दी पाक सीमा से लगते क्षेत्रों में 2280KM लंबी सड़क के निर्माण के प्रस्‍ताव को मंजूरी

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पाकिस्‍तान बॉर्डर से लगते इलाकों में ऑल वेदर रोड नेटवर्क की कमी दशकों से महसूस की जाती रही है. सीमावर्ती इलाकों में वर्ल्‍ड क्‍लास रोड नेटवर्क होने से आवागमन में काफी आसानी होगी. आपात परिस्थितियों में जहां तत्‍काल स्‍पॉट पर पहुंचना आसान होगा, वहीं जरूरी सामान की आपूर्ति भी आसानी से की जा सकेगी. मोदी सरकार ने इस जरूरत पर ध्‍यान देते हुए बुधवार 9 अक्‍टूबर 2024 को बड़ा फैसला लिया.

केंद्रीय कैबिनेट ने सीमावर्ती इलाकों में 2280 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल बिछाने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी दे दी है. इस प्रोजेक्‍ट पर कुल 4406 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. परियोजना के तहत राजस्‍थान और पंजाब से लगते सीमावर्ती इलाकों में सड़क व्‍यवस्‍था को दुरुस्‍त किया जाएगा. बता दें कि भारत की पश्चिमी सीमा पाकिस्‍तान से लगती है. रोड नेटवर्क मजबूत होने से ग्रामीण आजीविका में वृद्धि होगी. इसके अलावा देश के बाकी के हिस्‍सों से इस इलाके की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचों को दुरुस्‍त करने पर फोकस रहा है.

न्यूट्रिशन सिक्‍योरिटी और एनीमिया फ्री इंडिया

मोदी सरकार ने आमलोगों की सेहत को ध्‍यान में रखते हुए न्‍यूट्रिशन सिक्‍योरिटी और एनीमिया फ्री इंडिया मुहिम को लेकर बड़ा फैसला लिया है. एनीमिया (खून की कमी) को दूर करने के लिए स्‍पेशल कैंपेन चलाया जाएगा. इसके लिए मोदी कैबिनेट ने बड़ी पहल की है. इस कैंपेन पर 17,082 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. एनीमिया को दूर करने के लिए सप्‍लाई चेन नेटवर्क को मजबूत करने का भी निर्णय लिया गया है.

केंद्रीय कैबिनेट ने जरूरतमंदों तक फोर्टिफाइड राइस पहुंचाने के लिए सप्‍लाई चेन डेवलप किया जाएगा. कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बताया कि 21 हजार चावल मिलों ने 223 LMT फोर्टिफाइड चावल की मासिक क्षमता वाले ब्‍लेंडर स्‍थापित किए हैं. फोर्टिफाइड चावल की क्‍वालिटी चेक के लिए 52 लैब बनाए गए हैं. उन्‍होंने बताया कि सप्‍लाई चेन को डेवलप करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स

मोदी कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला किया है. गुजरात में हड़प्‍पा सभ्‍यता का केंद्र रहे लोथल में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स (National Maritime Heritage Complex – NMHC) स्‍थापित करने के प्रस्‍ताव को भी स्‍वीकार कर लिया गया है. इस उद्देश्‍य भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना है.

लोथल परिसर को उसके मूल स्वरूप में विकसित किया जाएगा और हमारे प्राचीन काल के जादू का अनुभव कर सकें. इस परिसर के एक हिस्से के रूप में लाइटहाउस संग्रहालय, जहाज निर्माण अनुभव, डॉक, लोथल शहर आदि विकसित किए जाएंगे. यह दुनिया में सबसे बड़ा मैरिटाइम हेरिटेज कॉम्‍प्‍लेक्‍स होगा.