उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लंबे समय से यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में खाली चल रहे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कर दी है. सरकार ने ओबीसी आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और 18 सदस्य नामित किए हैं. जिसकी सूची जारी कर दी गई है.
सीतापुर के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. उनके अलावा दो उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली और सूर्य प्रकाश पाल को बनाया है. जबकि 24 सदस्यों को नियुक्त किया गया है. इन सभी सदस्यों को एक साल क लिए कार्यभार दिया गया है. इस लिस्ट में बीजेपी ने जिन लोगों को शामिल किया है उसके जरिए पिछड़ों और अति पिछड़ों को साधने की कोशिश की गई है वहीं सहयोगी दल के नेताओं को भी जगह दी गई है.
यूपी ओबीसी आयोग में 24 सदस्य नामित
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में राजेश वर्मा अध्यक्ष बनाए गए हैं. वहीं 24 सदस्य बने हैं. जिनमें चंदौली के सत्येंद्र कुमार बारी, सहारनपुर के मेलाराम पवार, अयोध्या से वासुदेव मौर्य, कुशीनगर के फूल बदन कुशवाहा, मऊ के विनोद यादव, चंदौली के शिव मंगल बियार, कानपुर के अशोक सिंह, गोरखपुर से चिरंजीवी चौरसिया, झांसी कुलदीप विश्वकर्मा, लखनऊ से लक्ष्मण सिंह, गाजीपुर से डॉ मुरहू राजभर, सुल्तानपुर से घनश्याम चौहान, गोरखपुर से जनार्दन गुप्ता नामित किए गए हैं.
इनके अलावा जालौन के बाबा बालक, शामली के रमेश कश्यप और प्रमोद सैनी, सीतापुर के करुणा शंकर पटेल, गोरखपुर से रवींद्र मणि, लखनऊ से रामशंकर साहू, लखनऊ से विनोद सिंह, कासगंज के महेंद्र सिंह राणा और प्रयागराज के राम कृष्ण सिंह पटेल को सदस्य नामित किया गया है. यूपी में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद इसे बीजेपी सरकार की ओर से बड़ा कदम बताया जा रहा है.
इस बार चुनाव में पिछड़ों ने बडे़ स्तर पर इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट किया है. जिसकी वजह पार्टी को कई जगह हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब योगी सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. ओबीसी आयोग में ये नियुक्तियों को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.
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