नई दिल्ली। कभी दबाव में रहने वाले सरकारी बैंकों के प्रदर्शन ने हाल के कुछ सालों में सबको चौंकाया है। एक्सचेंजों पर प्रकाशित आंकड़ों में यह सामने आया है। आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संचयी लाभ 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो कि 1 लाख करोड़ रुपये के उच्च आधार पर पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है।
पीटीआई की खबर के मुताबिक, 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने 2022-23 में कुल मिलाकर 1,04,649 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
कुल कमाई में अकेले 40% हिस्सा एसबीआई का
खबर के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 के दौरान अर्जित 141.203 करोड़ रुपये के कुल लाभ में से, मार्केट लीडर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अकेले कुल कमाई का 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है। एसबीआई ने पिछले वित्त वर्ष (50,232 करोड़ रुपये) से 22 फीसदी ज्यादा 61,077 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक का शुद्ध लाभ 228 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे अधिक 8,245 करोड़ रुपये रहा, इसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 62 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13,649 करोड़ रुपये और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 61 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 2,549 करोड़ रुपये हो गया।
इन बैंकों का मुनाफा 50% से ज्यादा रहा
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया 57 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6,318 करोड़ रुपये हो गया, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र 56 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,055 करोड़ रुपये और चेन्नई स्थित इंडिया बैंक ने 53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। प्रतिशत सुधार के साथ 8,063 करोड़ रुपये। हां, सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से एकमात्र पंजाब एंड सिंध बैंक के मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई। पंजाब एंड सिंध बैंक, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है, ने वार्षिक शुद्ध लाभ में 55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो 2022-23 में 1,313 करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 595 करोड़ रुपये हो गया।
जिन पीएसबी ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना लाभ दर्ज किया है, वे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा (17,788 करोड़ रुपये) और केनरा बैंक (14,554 करोड़ रुपये)। बैंक के वित्त वर्ष 2018 में 85,390 रुपये के रिकॉर्ड घाटे से वित्त वर्ष 2024 में रिकॉर्ड लाभ तक पहुंचने की कहानी है।
सरकार ने दिया बैंकों को जोरदार सपोर्ट
सरकार ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान पीएसबी को रणनीति के हिस्से के रूप में, फिर से कैपिटल से लैस करने के लिए 3,10,997 करोड़ रुपये का निवेश किया। पुनपूँजीकरण कार्यक्रम ने पीएसबी को बहुत जरूरी सहायता प्रदान की और उनकी ओर से किसी भी डिफ़ॉल्ट की संभावना को रोका। पिछले नौ सालों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने जिम्मेदार ऋण देना सुनिश्चित किया और प्रशासन में सुधार किया। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी अपनाना और बैंकों का मर्जर सहित अन्य फैसलों का असर देखा गया।
– एजेंसी
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