इसराइली वॉर कैबिनेट ने इस बात पर चर्चा की है कि ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का जवाब कैसे दिया जाए. अभी तक इसराइल ने यह नहीं बताया है कि इस बैठक में कोई फ़ैसला लिया गया है या नहीं.
इसराइल के सहयोगियों ने ईरान के क़दम की निंदा की थी मगर साथ ही बिन्यामिन नेतन्याहू सरकार से संयम बरतने की अपील भी की थी.
ईरान ने संकेत दिए हैं कि उसकी तरफ़ से मामला अब ख़त्म हो चुका है, मगर इसराइली सेना के प्रमुख का कहना है कि ईरान को जवाब ज़रूर दिया जाएगा.
लेफ्टिनेंट जनरल हेरज़ी हलेवी ने कहा, “देखिए, हम अपने क़दमों के बारे में सोच विचार कर रहे हैं और इसराइल पर मिसाइल और ड्रोन दाग़े जाने का जवाब ज़रूर दिया जाएगा.”
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि इसराइल कब और क्या कार्रवाई करेगा.
अमेरिका नहीं चाहता इसराइली कार्रवाई
पूर्व सीआईए प्रमुख डेविड पेट्रियस ने बीबीसी के बीबीसी रेडियो फ़ोर के वर्ल्ड टुनाइट प्रोग्राम में बताया कि अमेरिका नहीं चाहता कि इसराइल की ईरान पर कार्रवाई से दुनिया भर की आर्थिकी पर असर पड़े.
जनरल पेट्रियस इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के सैनिकों का नेतृत्व कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि ईरान का हमला गंभीर है और पश्चिमी देश जानते हैं कि इसराइल इसे किस तरह से देख रहा है.
दुनिया भर के नेताओं ने भी मध्य पूर्व में हालात बिगड़ने को लेकर चिंता जताई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू से कहा कि वह इसराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन व्हाइस हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि बाइडन ने यह भी कहा है कि अगर उसने ईरान पर जवाबी हमला किया तो उसमें अमेरिका शामिल नहीं होगा.
सोमवार को ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए. उन्होंने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि वह नेतन्याहू से बात करेंगे और चर्चा करेंगे कि कैसे मामले को बढ़ने से रोका जा सकता है.
-एजेंसी
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