आगरा किले में गूंजी शिवाजी महाराज की भव्य शौर्य गाथा, महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम हुए शामिल

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शिव जन्मोत्सव में डिजिटली शामिल हुए 2 करोड़ शिवभक्त
• गौरवशाली शौर्य का इतिहास हुआ पुनः जागृत – विनोद पाटिल, अध्यक्ष, अजिंक्य देवगिरी फाउंडेशन।

आगरा। आगरा किले के दीवान-ए-आम में एक बार फिर छत्रपति शिवाजी की वीर गाथा गूंजी। छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती धूमधाम से मनाई गयी। इस समारोह में 2 करोड़ शिव भक्तों ने डिजिटल मीडिया के जरिए हिस्सा लिया। महाराष्ट्र सरकार इस आयोजन की सह-आयोजक बनी।

देश के इतिहास में आगरा के लाल किले का विशेष महत्व है। औरंगजेब जैसे विश्वासघाती और षडयंत्रकारी सम्राट ने छत्रपतियों को इसी किले में कैद करने की साजिश रची थी और छत्रपति शिवाजी महाराज ने कैद में बंद महाराजाओं पर नजर रखते हुए सुरक्षित महाराष्ट्र आने का महान कार्य किया था। आगरा में ही घोड़ी बांधी गई थी। हम आगरा के इस गौरवशाली इतिहास को एक बार फिर से जागृत करना चाहते हैं।

पुरातत्व विभाग द्वारा समारोह की अनुमति देने से इनकार के खिलाफ विनोद पाटिल ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। चूंकि राज्य सरकार सह-आयोजक थी, इसलिए आगरा किले में शिव जयंती मनाने की अदालत से अनुमति मिली। विनोद पाटिल के अनुरोध के बाद राज्य सरकार ने भी सह-मेजबान का पद स्वीकार किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे साहेब, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्रजी फड़नवीस साहेब, विशिष्ट अतिथि छत्रपति उदयनराजे भोसले, केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहेबदादा दानवे साहेब, संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार साहेब, केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

ऐसा रहा समारोह का स्वरूप

आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज की शिव जयंती समारोह में आगरा के लाल किले पर संगीत सोलह, शिवजन्म पालन, लेजर शो के माध्यम से आगरा की मुक्ति का इतिहास, पारंपरिक कला प्रदर्शनी और अन्य भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गये। दुनिया भर के लाखों शिव भक्तों के लिए इस कार्यक्रम को आधिकारिक फेसबुक पेज के साथ-साथ राज्य भर के विभिन्न फेसबुक पेजों से लाइव प्रसारित किया गया जिसके माध्यम से लगभग 2 करोड़ शिवभक्तों ने शिव जन्मोत्सव समारोह में डिजिटल रूप से भाग लिया।