सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान बेंच का गठन किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में संविधान बेंच मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा बेंच के अन्य सदस्य होंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और दो गैर सरकारी संगठनों एडीआर और कॉमन कॉज ने यह याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड योजना एक अस्पष्ट फंडिंग प्रणाली जिस पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है और आशंका है कि इससे नीतिगत मामलों में राज्य के लोगों की जरूरतों और अधिकारों पर निजी कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता मिलेगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को कहा था, ‘‘उठाये गये मुद्दों के महत्व के मद्देनजर और संविधान के अनुच्छेद 145(4) (सुप्रीम कोर्ट के कामकाज से जुड़े नियमों) के आलोक में विषय को कम से कम पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाएगा।’’
कोर्ट ने 10 अक्टूबर को गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एडीआर) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की इन दलीलों गौर किया था कि 2024 के चुनावों के लिए बॉन्ड योजना शुरू होने से पहले विषय के निर्णय की जरूरत है।
चुनावी बॉन्ड से दलों को 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान
इस मुद्दे पर चार जनहित याचिकाएं लंबित हैं। इनमें से एक याचिकाकर्ता ने मार्च में कहा था कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख राजनीतिक दल को गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा था कि वह इस पर विचार करेगी कि एक स्वीकार्य फैसले के लिए क्या याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजा जा सकता है?
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.