बिहार में हुई जातीय जनगणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा कि कुछ लोग हैं जो जाति एवं धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं. दोनों ही कंडीशन में बंट देश ही रहा है. देश को विभाजन की जरूरत नहीं है, विमर्श की जरूरत है. भारत का संविधान बाबा साहेब का संविधान है, जो उत्कृष्ट घोषणा करता है कि जाति, धर्म एवं लिंग के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे में नेताओं को सोचना चाहिए कि सत्ता बड़ी है या देश बड़ा है.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर जाति के हिसाब से पद तय होते हैं तो, इस लिहाज से बिहार में दलितों की संख्या ज्यादा है. मुसलमान की संख्या ज्यादा है तो वहां कोई दलित या मुसलमान मुख्यमंत्री होना चाहिए. इतना ही नहीं नीतीश को एक मिसाल पैदा करनी चाहिए और अपने पद को त्याग कर किसी दलित को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.
अलग वेस्ट यूपी पर कहा, अब किसी और पाकिस्तान की जरूरत नहीं
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान तो पहले ही बन चुका है. अब किसी और पाकिस्तान की जरूरत हमें नहीं है. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि कितनी दीवारें हो गई इस घर के दरमियान, घर ही कहीं छुप गया इन दीवारों के बीच. विभाजन किसी सूरत का हल नहीं होना चाहिए. पहले ही देश में बहुत बंटवारा हो चुका है.
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी कुछ भी नहीं
वही मध्य प्रदेश में सपा के साथ सीटों के बंटवारों को लेकर उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि मध्य प्रदेश में हमें किसी के साथ की जरूरत है. किसी के समर्थन की जरूरत है. मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कुछ भी नहीं है. वहां लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस की है. समाजवादी पार्टी की सीटों की डिमांड पर चुटकी लेते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ‘जूट न कपास, जुलाहे से लठ्ठम-लट्ठा.’
Compiled: up18 News
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