ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने देश की इकॉनमी पर बोलने नहीं आए जिनपिंग, कॉमर्स मिनिस्टर को भेजा

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आखिर चीन के राष्ट्रपति देश की इकॉनमी का कौन सा राज छिपा रहे हैं। देश की इकॉनमी के बारे में एक के बाद एक निगेटिव खबरें आ रही है। देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है, एक्सपोर्ट लगातार गिर रहा है, विदेशी कंपनियां मुंह मोड़ रही हैं, खपत कम हो गई है, रियल एस्टेट बुरी हालत में पहुंच गया है और अमेरिका के साथ तनाव चरम पर है।

दूसरी तिमाही में जीडीपी की रफ्तार उम्मीदों के मुताबिक नहीं रही है। विदेशी निवेशक लगातार चीन के शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं। पिछले 13 दिनों में विदेशी निवेशक चीन के बाजार से करीब 11 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली कर चुके हैं।

क्यों सुस्ता रही है चीन की इकॉनमी

दूसरी तिमाही में चीन की इकॉनमी 6.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी लेकिन उम्मीद के कहीं कम है। पिछले दशक में चीन की सालाना एवरेज ग्रोथ सात परसेंट थी और 2000 के दशक में यह 10 परसेंट थी। देश की इकॉनमी में सुस्ती के कई कारण माने जा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण रियल एस्टेट सेक्टर का क्राइसिस है।

निवेश और खपत में असंतुलन, सरकारी कर्ज में बेतहाशा बढ़ोत्तरी और समाज एवं बिजनेस पर सरकार का कड़ा कंट्रोल भी इसके लिए जिम्मेदार है। देश का वर्कफोर्स और कंज्यूमर बेस सिकुड़ रहा है जबकि रिटायर लोगों की संख्या बढ़ रही है।

Compiled: up18 News


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