एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। आपने सुना होगा। लेकिन आज चंदा मामा के पास से जो तस्वीर आई है वो तो लाखों नहीं करोड़ों शब्द के बराबर है। ये फोटो लाखों किलोमीटर दूर से आई है। अपने चंद्रयान-3 के प्रॉपल्शन मॉड्यूल से लैंडर विक्रम अलग हो चुका है। यानी अब विक्रम चांद पर लैंड होने तक की दूरी अकेले तय करेगा। पिछले करीब एक महीने 3 दिन की यात्रा के दौरान प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर साथ सफर कर रहे थे।
दरअसल, इसे गर्व कहते हैं। इसे जुनून कहते हैं। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पितामह कहे जाने वाले विक्रम साराभाई को भी आज गर्व हो रहा है। उनके नाम पर ही तो लैंडर का नाम रखा गया है। प्रॉपल्शन मॉड्यूल और लैंडर की क्या कमाल की रही दोस्ती अपने लक्ष्य तक अपने दोस्त को पहुंचाया और फिर उसे शुभविदा बोलकर अंतरिक्ष में खो गया।
इसरो का ट्वीट
जैसे ही प्रॉपल्शन मॉड्यूल से लैंडर विक्रम अलग हुआ उसके तुरंत बाद इसरो ने ट्वीट किया। इस ट्वीट में इसरो ने अपने लैंडर विक्रम की तरफ से प्रॉपल्शन मॉड्यूल को शुक्रिया बोला। इसरो ने ट्वीट में कहा कि यहां तक छोड़ने के लिए शुक्रिया दोस्त। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसके बाद लैंडर के अलग होने की भी जानकारी दी।
दोस्ती ऐसी होती है
पिछले करीब एक महीने 3 दिन से प्रॉपल्शन मॉड्यूल की पीठ अपने लैंडर विक्रम में कमाल की दोस्ती हो गई। चाहे रास्ता बदलना हो या फिर एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाना हो। अंतरिक्ष में दोनों की दोस्ती गजब की रही। प्रॉपल्शन मॉड्यूल ने अपने दोस्त को कोई तकलीफ नहीं होने दी। हर चीज माकूल तरीके से पूरा हुआ।
कुछ यूं दोस्त को विदा बोला विक्रम
जैसे ही दोनों दोस्त चंदा मामा के करीब अलग हुए तो दोनों गर्मजोशी से एक दूसरे विदा भी बोला। लैंडर विक्रम ने इस बेहतरीन सवारी के लिए प्रॉपल्शन मॉड्यूल को शुक्रिया बोला और दोनों के रास्ते अलग हो गए। प्रॉपल्शन मॉड्यूल अब कहीं अंतरिक्ष में गुम हो जाएगा। वहीं दूसरी तरफ लैंडर चांद की सतह को चूमने के लिए आगे का रास्ता तय करेगा।
Compiled: up18 News
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