सीएम सिटी कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर में पुलिस माफियाओं की कमर तोड़ने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में शनिवार को टॉप टेन माफिया 50 हजार के इनामी विनोद उपाध्याय के घर पर प्रशासन का हथौड़ा गरजा है। अजीत शाही के बाद अब कड़ी सुरक्षा के बीच माफिया विनोद के अवैध कब्जे को बुलडोजर से ढहा दिया गया।
गोरखपुर के गुलरिहा थाना इलाके के मोगलहा इलाके में माफिया विनोद ने कीमती जमीन पर कब्जा कर रखा था। वहां उसने निर्माण भी कराया हुआ था। विकास प्राधिकरण ने करीब 7 हजार वर्गफुट इलाके को उपाध्याय के कब्जे से मुक्त करा लिया है। गोरखपुर के अलावा लखनऊ में भी विनोद के 2 फ्लैट हैं। उसके पड़ोसी पूर्व मंत्री के तौर पर जानते थे। बस्ती से लेकर कानपुर और लखनऊ में तलाश की जा रही है।
गोरखपुर के धर्मशाला बाजार निवासी विनोद उपाध्याय के खिलाफ करीब 36 संगीन केस दर्ज हैं। वह 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश है। पिछले 3 सप्ताह से भी अधिक समय से वह फरार है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर छापेमारी कर रही है। गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में कोर्ट में सरेंडर की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है।
पिछले महीने कैंट इलाके में दाउदपुर में रहने वाले पूर्व सहायक जिला सरकारी वकील प्रवीण श्रीवास्तव ने माफिया विनोद उपाध्याय, उसके भाई संजय, नौकर छोटू समेत कई के खिलाफ रंगदारी मांगने और तोड़फोड़ करने का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विनोद उपाध्याय उनकी जमीन का जबरन बैनामा करने या प्रति प्लाट पांच लाख रुपये रंगदारी देने का दबाव बना रहा है।
इससे पहले माफिया अजीत शाही के अवैध कब्जे पर भी बुलडोजर गरजा था। शाही का पिछले 20 साल से नगर निगम की 25 डिसमिल जमीन पर कब्जा था, जिसकी कीमत 50 से 60 करोड़ रुपए बताई जा रही है। जमीन के कागजात पर माफिया की मां और पत्नी के नाम दर्ज हैं। अजीत सरेंडर कर चुका है।
Compiled: up18 News
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