शहबाज सरकार को पाकिस्तानी मीडिया की सलाह, भारत से जल्द शुरू करें व्यापार

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गौरतलब है क‍ि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटने के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत से ट्रेड बंद करने के साथ ही फिलहाल रिश्तों पर विराम लगाने की घोषणा कर दी थी. तब से यह गतिरोध बना हुआ है. इस घटना को अब लगभग चार साल होने को है. इसका असर देश में आम जनता की सेहत पर दिखने लगा. डीजल-पेटोल से लेकर आटा-दाल तक के भाव आसमान छू रहे हैं. अनेक उद्योग शटर गिराकर देश से निकल गए हैं. हजारों की संख्या में बेरोजगारों की फौज हर शहर में मारे-मारे फिर रही है.

13 जून के संपादकीय में डॉन लिखता है-व्यापार और उद्योग जगत के लोग मानते हैं कि पाकिस्तान अपने मौजूदा संकट से बाहर निकलने का रास्ता खोज सकता है. उसने पड़ोसी भारत को केस स्टडी के रूप देखने का सुझाव दिया. कहा-नई दिल्ली ने तीन दशक पहले कठिन सुधारों को लागू किया था, और अब वह तरक्की के रास्ते पर है. पाकिस्तान में आए दिन अब यह बात उठने लगी है कि भारत से रिश्ते सामान्य किए जाने चाहिए. अनेक टीवी शो में भी पाकिस्तान हुकूमत को विशेषज्ञ फटकार लगाते सुने जाते हैं. पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान तक ने हिन्दुस्तानी पीएम नरेंद्र मोदी के तारीफ में संसद में की थी.

अंतर्राष्ट्रीय समझ रखने वाले विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पड़ोसी देशों से रिश्ते सामना रखना, ट्रेड करना, एक-दूसरे के मदद करना, सबके लिए अच्छा है. ऐसा करने से सबकी अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. पाकिस्तान का केस तो एक अलग मुकाम पर पहुंच चुका है. इसके दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए यह सबसे जरूरी है और इस दिशा में पाकिस्तान को ही कदम उठाना होगा.

– एजेंसी