दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना को गुजरात हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत

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हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने हाईकोर्ट में निचली अदालत के फैसले को रद्द करने की मांग की थी। सक्सेना की अर्जी पर वेकेशन बेंच की जस्टिस एम के ठक्कर ने सुनवाई की और फिर लोअर कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दी।

सक्सेना की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट जल उनवाला ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद वी के सक्सेना के खिलाफ उप राज्यपाल रहने तक अपराधिक सुनवाई नहीं होगी। 65 साल के वी के सक्सेना 26 मई 2022 को दिल्ली के उप राज्यपाल बने थे। दिल्ली के उप राज्यपाल का कार्यकाल आमतौर पर पांच वर्ष का होता है।

क्या है पूरा मामला?

2002 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में वी के सक्सेना पर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमले का आरोप है। इसमें मामले में सक्सेना समेत तीन अन्य लोग हैं। इनमें दो वर्तमान में बीजेपी विधायक हैं। इनमें अमित ठाकर और अमित शाह शामिल हैं। ये दोनों अहमदाबाद की वेजलपुर और एलिसब्रिज सीट से चुने गए गए हैं। 21 साल पुराने इस मामले में 8 मई को अहमदाबाद की कोर्ट में एडीशनल मेट्रोपॉलिटन जज पी एन गोस्वामी ने वी के सक्सेना को उस अनुरोध को खारिज कर दिया था। जिसमें उन्होंने खुद के उप राज्यपाल रहने तक इस मामले में क्रिमिनल ट्रायल को रोकने की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने 22 मई की तारीख तय की थी। एडीशनल मेट्रोपॉलिटन जज पी एन गोस्वामी के छुट्‌टी पर होने के कारण इस सुनवाई नहीं हो पाई थी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए पांच जून की तारीख लगाई है।

Compiled: up18 News


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