आगरा: जी-20 आगरा समिट में शामिल होने नीदरलैंड से आईं डॉ. मार्गरीट सोइटमेन रिजनेन ने यहां तेजाब पीड़िताओं का दर्द सुना तो उनके आंसू छलक पड़े। भावुक होकर उन्होंने पीड़िताओं को गले से लगाया। उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने पीड़िताओं को अपने हक की आवाज बुलंद करने के लिए प्रेरित किया।
रविवार को शीरोज हैंगआउट कैफे पहुंचीं एओन होल्डिंग कंपनी की चेयरमैन डॉ. मार्गरीट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महिलाओं के मुद्दों को मजबूती से उठाएं।
उन्होंने पीड़िताओं की हिम्मत को सलाम करते हुए कहा कि वह भारत में अपने दोस्तों से पीड़िताओं की मदद के लिए बोलेंगी। उन्होंने आगरा में महिलाओं में डिजिटल स्किल और साफ व सुरक्षित माहौल देने पर चर्चा की और कहा कि भारत में आधी आबादी अर्थव्यवस्था को उच्च स्तर पर ले जाने में सक्षम है।
शीरोज कैफे पहुंचने पर सबसे पहले एसिड अटैक सर्वाइवर गीता ने मार्गरीट का टीका लगाकर स्वागत किया। मधु, रुकैया, नगमा, मानिनी, खुशबू, डॉली और सना से गले मिलकर मार्गरीट विदा हुईं।
कैफे की संचालक संस्था छांव फाउंडेशन के प्रवक्ता अजय तोमर ने बताया कि तेजाब पीड़िताओं पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री मार्गरीट को दिखाई। इसमें पीड़िताओं ने आपबीती सुनाई थी। जिसे देख मार्गरीट बेहद भावुक हो गईं।