अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेनी शहर खेरसॉन से बाहर निकलने का रूस का फ़ैसला दिखाता है कि उनकी सेना के साथ ”कुछ वास्तविक समस्याएं” हैं.
बाइडन ने कहा कि वह “कुछ समय” से इस कदम की उम्मीद कर रहे थे और यह दोनों पक्षों को आगे सर्दियों में “अपनी स्थिति को फिर से जांचने” का मौका देगा.
जो बाइडन ने मध्यावधि चुनाव के बाद व्हाइट हाउस में संबोधन के दौरान ये बातें कहीं.
राष्ट्रपति के राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने यूक्रेन को अमेरिका की तरफ़ दी जा रही सैन्य और मानवीय सहायता की समीक्षा करने की बात कही थी. जो बाइडन ने इस बात पर ध्यान खींचा कि ये ‘दिलचस्प’ है कि रूस ने सेना वापस लेने की घोषणा के लिए ‘चुनाव हो जाने का इतंज़ार’ किया. और श्री बिडेन ने देखा कि यह “दिलचस्प” था कि मास्को ने वापसी की घोषणा करने के लिए “चुनाव के बाद तक इंतजार” किया.
खेरसॉन यूक्रेन का अकेला ऐसा बड़ा शहर है जिस पर रूस ने फरवरी में हमला शुरू करने के बाद कब्जा किया है.
लेकिन, बुधवार को यूक्रेन में रूस के कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने कहा कि शहर की आपूर्ति जारी रखना अब संभव नहीं है.
इस वापसी का मतलब है कि रूसी सेना पूरी तरह से निप्रो नदी के पश्चिमी तट से हट जाएगी.
रूस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि रूस को यूक्रेन के जवाबी हमले का सामना करना पड़ रहा है
जनरल सुरोविकिन ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में कहा, “इस हालात में सबसे अच्छा विकल्प हमारे लिए ये है कि हम निप्रो नदी के दूसरी तरफ किनारे के साथ साथ अपने डिफेंस को मजबूत करें.”
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस घोषणा के बाद यूक्रेन बहुत सोच समझकर कदम उठा रहा है.
-एजेंसी
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