बिना जरूरी टेस्ट दिए भारत में इलाज कर रहे 73 डॉक्टर और 14 मेडिकल काउंसिल CBI की जांच के घेरे में

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73 डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज

सीबीआई ने इस मामले में स्टेट मेडिकल कांउसिल, मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया के तत्कालीन अज्ञात अधिकारियों और इन 73 मेडिकल ग्रेजुएट्स के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश रचने और धोखेबाजी का केस दर्ज किया है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को बताया था कि इन 73 मेडिकल ग्रेजुएट्स ने साल 2011-22 के दौरान रूस, यूक्रेन, चीन और नाइजीरिया से MBBS की डिग्री हासिल की थी लेकिन FMGE टेस्ट पास नहीं किया और कई राज्यों के मेडिकल काउंसिल से प्रैक्टिस करने का रजिस्ट्रेशन करा लिया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिखी थी CBI को चिट्ठी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में सीबीआई से शिकायत की थी। इसमें कहा गया है कि गैर योग्य व्यक्तियों का इस तरह की धोखाधड़ी और फर्जी रजिस्ट्रेशन लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ होगा इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सीबीआई की इन पर चार साल से नजर थी। सीबीआई को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से की गई शिकायत में मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) की तरफ से 12 सितंबर और 17 अक्टूबर को मिले पत्र का हवाला दिया है।

NBE ने मंत्रालय को लिखे पत्र में ऐसे 73 कैंडिडेट की पहचान करते हुए लिखा है कि ये लोग NBE के रेकॉर्ड के मुताबिक स्क्रीनिंग के लिए क्वालीफाई नहीं हुए हैं। लेकिन ये कैंडिडेट रजिस्ट्रेशन कराकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। NBE ने इन कैंडिडेट का रजिस्ट्रेशन नंबर भी मंत्रालय को उपलब्ध कराया है।

इन डॉक्टर का कैसे हुए रजिस्ट्रेशन?

सीबीआई को लिखे पत्र में मंत्रालय ने लिखा है कि इस तरह के फर्जी और अयोग्य लोगों के रजिस्ट्रेशन के कारण आम लोगों का जीवन खतरे में है। हेल्थ सेक्टर के लिए ये खतरा है। ये लोग कई राज्यों में फैले हुए हैं। इसलिए सीबीआई से इस मामले की जांच करने का आग्रह किया जाता है कि वे इस बात की पता लगाने की कोशिश करें कि कैसे ये लोग भारत में रजिस्ट्रेशन करवाने में सफल रहे।

Compiled: up18 News