नई दिल्ली। अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UAE पहुंच गए हैं. राजधानी में स्थापित 108 फीट का मंदिर बिना स्टील और लोहे के बना है. जब मंदिर की निर्माण संस्था ने UAE की अथॉरिटी के सामने प्लान रखा तो उसका यही सवाल था कि इतना ऊंचा स्ट्रक्चर बिना स्टील और लोहे के कैसे टिका रह सकता है. तब उन्हें जवाब दिया गया कि भारत के सभी प्राचीन मंदिर ऐसे ही बने हैं, और बीते कई सालों से टिके हुए हैं. UAE के मंदिर को कई सालों तक टिकाए रखने के लिए सैकड़ों सेंसर का इस्तेमाल किया गया है.
इस मंदिर को कम से कम एक हजार साल तक टिकाए रखने का लक्ष्य लेकर निर्माण किया गया है. नींव का काम लगभग पूरा हो चुका है. फिलहाल अभिषेक मंडप का कार्य चल रहा है. मंदिर बनाने के लिए 30 हजार से ज्यादा पत्थरों की जरूरत थी. राजस्थान में बने हरेक पिलर और स्लैब सही जगह और सही तरीके से स्थापित किए जाएं, ये सुनिश्चित करने के लिए एक स्टोन मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया.
350 सेंसर करेंगे निगरानी
इस मंदिर का निर्माण अबू धाबी में 27 एकड़ के बड़े एरिया में 888 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. छत और नींव कई सारे खंभों और स्लैबों के साथ पूरी हो गई है. नई बात यह है कि पत्थरों के जोड़ पर 350 सेंसर लगाए जा रहे हैं. ये सेंसर दबाव, तापमान और अंडरग्राउंड हलचल की जानकारी देंगे. इन सेंसर का इस्तेमाल भूकंप और बदलते मौसम की जानकारी के लिए किया जाएगा.
– एजेंसी
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