आमतौर पर ऐसा माना जाता है और लोगों के बीच धारणा भी यही होती है कि पुरुष, महिलाओं से ज्यादा फिट होते हैं। जिम में भी वह ज्यादा समय देते हैं। वेट लिफ्टिंग करते हैं, मसल्स बनाते हैं, जिम में पसीना बहाते हैं और यह सब करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा होती है।
हालांकि एक नई स्टडी में जो दावा किया गया है कि उसे जानकर पुरुषों को जलन महसूस होने वाली है और वो इसलिए क्योंकि इस स्टडी की मानें तो महिलाएं पुरुषों से ज्यादा फिट होती हैं।
महिलाएं जल्दी ऑक्सिजन को प्रोसेस करती हैं
जब बात वर्कआउट की आती को ऐसा माना जाता है कि पुरुषों के शरीर के साइज, स्ट्रेंथ और स्पीड की वजह से उनके पास महिलाओं की तुलना में ज्यादा advantage होता है। हालांकि जर्नल ऑफ अप्लाइड फिजियोलॉजी, न्यूट्रिशन ऐंड मेटाबॉलिज्म नाम की पत्रिका में प्रकाशित नई रिसर्च की मानें तो एक पहलू जिसमें महिलाएं, पुरुषों की तुलना में बेहतर परफॉर्म करती हैं वो ये है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जल्दी ऑक्सिजन को प्रोसेस कर पाती हैं।
ट्रेडमिल पर वॉकिंग कर हुई रिसर्च
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉटरलू में हुई इस रिसर्च में 9 महिलाएं और पुरुषों को ट्रेडमिल पर चलने के लिए कहा गया। इस स्टडी में शामिल प्रतिभागियों को ट्रेडमिल पर पहले खड़े रहने और फिर चलने के लिए कहा गया। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने नोटिस किया कि सभी प्रतिभागियों ने कितनी ऑक्सिजन का इस्तेमाल किया और उन्हें उस ऐक्टिविटी के अनुरूप बनने में कितना समय लगा।
वर्कआउट मोड में आने में महिलाओं को लगा कम समय
स्टडी में सामने आया कि पुरुषों को इस वर्कआउट मोड को अपनाने में करीब 42 सेकेंड का वक्त लगा तो वहीं महिलाएं 30 सेकेंड में ही आराम से इसे करने लगीं। यह भी पता चला कि महिलाएं करीब 30 प्रतिशत ऑक्सिजन से अपनी मांसपेशियों को जल्दी चार्ज कर लेती हैं और सांस लेने में उन्हें कम परेशानी होती है। पुरुषों में इससे जुड़ी समस्याएं ज्यादा पाई गईं।
-एजेंसियां
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