योगासनों के अभ्यास को कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों से आराम पाने में भी लाभकारी पाया गया है। इतना ही नहीं, अध्ययनों में इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि दिनचर्या में कुछ विशेष प्रकार के योगाभ्यासों को शामिल करके डायबिटीज-हृदय रोग जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी लाभ पाया जा सकता है। बस रोजाना सुबह के समय नियमित रूप से कुछ प्रकार के योगासनों के अभ्यास के लिए वक्त जरूर निकालें, ये आपके संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ में सहायक हो सकते हैं।
तनाव-चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लेकर दर्द, मांसपेशियों और हार्मोन्स तक की समस्याओं में इससे लाभ पाया जा सकता है।
काम में व्यस्तता के कारण यदि आप योग के लिए ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं तो 15-20 मिनट के अभ्यास की आदत बनाना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। योग शारीरिक लचीलेपन को बढ़ावा देने के साथ शरीर के तमाम अंगों की शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार हो सकते हैं।
आइए जानते हैं कि 20 मिनट से भी कम समय में किन योगासनों का अभ्यास करके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है?
भुजंगासन योग से लाभ
भुजंगासन योग के नियमित अभ्यास की आदत संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकती है। इस योगाभ्यास से पीठ की मांसपेशियों, रीढ़ और तंत्रिकाओं की मालिश होती है। यह पीठ के निचले हिस्से के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए एक बेहतरीन अभ्यास है। मासिक धर्म की समस्याओं से छुटकारा दिलाने और तनाव के स्तर को कम करने में भी योग विशेषज्ञ इस योग के नियमित अभ्यास को लाभकारी मानते हैं। भुजंगासन योग के अभ्यास से मांसपेशियों के तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है।
हलासन योग का करिए अभ्यास
हलासन योग को स्पाइनल डिस्क की समस्याओं में काफी कारगर माना जाता है, यह रीढ़ की समस्याओं को कम करने वाला अभ्यास है। इस योग के अभ्यास की आदत कंधों, बाहों और पीठ को तनाव मुक्त करता है। मोटापे की समस्या से परेशान लोगों के लिए यह सबसे बेहतरीन आसनों में से एक है। आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखने, अपच और कब्ज के साथ गर्दन के दर्द को कम करने में हलासन योग के नियमित अभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद हो सकती है।
नौकासन योग की बनाएं आदत
नौकासन योग के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और पाचन में सुधार करने में लाभ मिलता है। पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम करने के साथ यह अभ्यास पेट के अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करने के लिए भी अच्छा विकल्प है। योग विशेषज्ञ बताते हैं, नियमित रूप से नौकासन योग का अभ्यास करने वाले लोगों में पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पैरों में दर्द और रक्त परिसंचरण से संबंधित समस्याओं का जोखिम काफी कम होता है। नौकासन योग का अभ्यास बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के व्यक्ति करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।