बिहार की पटना पुलिस ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर पथराव के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि 23 और लोगों की पहचान की गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र के सोगही गांव में पथराव हुआ।
दरअसल, रविवार को नीतीश कुमार का आगामी पितृपक्ष मेले की समीक्षा के लिए एक निर्धारित कार्यक्रम था।
बता दें कि पितृपक्ष मेला हर साल आयोजित किया जाता है। इसमें दुनिया भर से हिंदू समुदाय के लोग पिंडदान के लिए आते हैं।
सीएम के गया पहुंचने से पहले उनकी गाड़ियों का काफिला पटना से गया पहुंच चुका था। रविवार को पटना के गौरीचक में इसी काफिले पर लोगों ने हमला कर दिया था।
हमले में कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया था। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है। अब तक इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने घटना की जांच करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (कानून और व्यवस्था) और डीएसपी मुख्यालय वाली दो सदस्यीय समिति का गठन किया।
जानकारी के मुताबिक सोगही के लोग 7 अगस्त से लापता एक युवक की हत्या का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों ने दावा किया कि उसके चार दोस्त गयाघाट के पास गंगा नदी के किनारे गए थे और उनमें से एक तब से लापता था। पीड़िता के परिजनों ने गौरीचक थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया है।
रविवार को पीड़िता का शव बरामद किया गया। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसी दौरान नीतीश कुमार का काफिला वहां पहुंच गया और गुस्साए लोग ने उन पर पथराव कर दिया। पथराव के कारण कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने भी गौरी चक के एसएचओ से स्पष्टीकरण मांगा कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को आंदोलन की जानकारी क्यों नहीं दी। यह मामला मुख्यमंत्री की सुरक्षा में सेंध से जुड़ा था।
-एजेंसी
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