पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा थमती नजर नहीं आ रही है। राज्य में 3 मई से कूकी और मैतेई समुदाय के बीच जातिगत हिंसा जारी है। इस हिंसा में अभी तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 310 घायल हैं और 37 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। दर्जनों गांव खाली हो गए। उपद्रवियों ने सैकड़ों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। राज्य में जारी हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी चार दिनों के दौरे पर आए थे। लेकिन अमित शाह के दौरे और उनकी अपील का भी कोई खास असर होता नजर नहीं आ रहा है। अब शनिवार को राज्य में जारी ताजा हिंसा की गाज 11 अफसरों पर गिरी है। सरकार ने 11 अफसरों का तबादला कर दिया है।
IAS और IPS सहित 11 अफसरों का तबादला
मणिपुर हिंसा के बीच शनिवार को राज्य के 11 अफसरों का तबादला किया गया है। इनमें IAS और IPS अफसर शामिल हैं। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह इस महीने की शुरुआत में 4 दिन के दौरे पर यहां आए थे। इस दौरान राज्य के DGP पी. डोंगल को हटा दिया गया। उनकी जगह राजीव सिंह को कमान सौंपी गई। शनिवार को जिन अफसरों का तबादला किया गया, उनमें से ज्यादातर हिंसा प्रभावित क्षेत्र के थे।
शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार ने बनाई कमेटी
दूसरी ओर शनिवार को केंद्र सरकार ने राज्य में शांति कायम करने के लिए एक पीस कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का अध्यक्ष राज्यपाल को बनाया गया है। इसके अलावा कमेटी के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं।
असम सीएम पहुंचे मणिपुर, एन बीरेन सिंह की चर्चा
इस बीच शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा सरमा मणिपुर पहुंचे। वे राज्य के CM एन. बीरेन सिंह से मिले। इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच मणिपुर में जारी हिंसा पर भी हुई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मणिपुर में जारी हिंसा की पृष्ठभूमि पर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि असम और मणिपुर पड़ोसी राज्य है। दोनों राज्यों के कई लोग एक-दूसरे राज्य में रहते हैं।
राज्य में 3 मई से इंटरनेट सेवा बंद
मणिपुर में हिंसा के कारण 3 मई से इंटरनेट बंद है। राज्य में इंटरनेट बहाली के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तत्काल लिस्टिंग से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उच्च न्यायालय ने इस मामले को जब्त कर लिया है।
मणिपुर में 39 दिन से जारी हिंसा में अब तक अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 310 घायल हैं और 37 हजार से ज्यादा लोग 272 राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इस दौरान राज्य में हिंसा के मामलों में करीब 3700 एफआईआर दर्ज की गई है।
57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद
एक दिन पहले शनिवार को राजधानी इंफाल के पास कुकी बहुल खोकेन गांव में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि बीते 24 घंटों में मणिपुर के इंफाल ईस्ट, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों में 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए हुए हैं। हिंसा के बाद से अब तक राज्य में कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और 223 बम बरामद किए गए हैं।
CBI ने 6 केस दर्ज किए, जांच के लिए SIT बनाई
उधर, 9 जून को ही CBI ने मणिपुर हिंसा के संबंध में 6 केस दर्ज किए। जांच के लिए SIT बनाई है, इसमें 10 सदस्य हैं। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट की वैकेशनल बेंच ने राज्य में 3 मई से लगे इंटरनेट बैन पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाईकोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें।
Compiled: up18 News