भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज फिर सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ऑपरेशन सिंदूर पर तीनों सेनाओं के डीजी सामने आए और उन्होंने कई नए खुलासे किए। इससे पहले वायुसेना ने ये भी बताया कि उन्होंने कराची सैन्य अड्डे को भी निशाना बनाया था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने कैसे किया कमाल, इस बात की हर छोटी-बड़ी जानकारी एयर मार्शल एके भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने साफ-साफ कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था मगर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। इसके बाद हमने जवाबी कार्रवाई की। इसमें उसका जो भी नुकसान हुआ, इसके लिए वो खुद जिम्मेदार था। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी रही। इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था।
पहलगाम तक पाप घड़ा भर चुका था
उन्होंने कहा कि स्वदेशी आकाश सिस्टम का इस्तेमाल हुआ। पाकिस्तान की चीनी मूल की मिसाइल PL-15 भी गिराई। पिछले कुछ सालों में आतंक की गतिविधियों के तरीके में बदलाव आ रहा था। मिलिट्री के साथ-साथ मासूमों पर भी हमले हो रहे थे। पहलगाम तक पाप का ये घड़ा भर चुका था।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के किसी भी खतरे से निपटने के लिए कई लेयर की तैयारी कर ली थी। हमने लड़ाकू और टोही विमान को काम पर लगा दिया था। हमने अत्याधुनिक रेडार का इस्तेमाल करते हुए हमारे पायलट दिन और रात दोनों ही वक्त तैयार थे। हमने सैकड़ों किलोमीटर कि निगरानी की। कोई भी संदिग्ध और दुश्मन के हवाई जहाज को कई सौ किलोमीटर तक पास आने का मौका नहीं दिया।
नौ सेना और एयरफोर्स ने दिखाई ताकत
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने हाल ही में बताया कि कैसे भारतीय नौसेना ने हवाई क्षेत्र सहित हर जगह कड़ी निगरानी रखी। नौसेना हवा, सतह और पानी के नीचे से आने वाले खतरों से निपटने में सक्षम है। उन्होंने ये भी कहा कि नौसेना ने रडार और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करके लगातार निगरानी रखी, जिससे खतरों को समय रहते बेअसर किया जा सका। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि हमारे सभी सैन्य अड्डे और उपकरण पूरी तरह से तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। भारतीय नौसेना की इस तैयारी ने पाकिस्तान को सीमा के पास ही रहने पर मजबूर कर दिया।
दुश्मन को करीब तक आने नहीं दिया
उन्होंने आगे बताया कि नौसेना एक मजबूत रक्षा प्रणाली के तहत काम करती है। इस प्रणाली में किसी भी हवाई लक्ष्य को जो हमारी सीमा में घुसने की कोशिश करता है, उसे तुरंत पहचान लिया जाता है। फिर यह पता लगाया जाता है कि वह लक्ष्य व्यापारिक है, तटस्थ है या खतरनाक है। भारतीय पायलटों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे दिन-रात विमान उड़ाने में सक्षम हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी दुश्मन के विमान को हमारी जमीन के करीब आने नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय नौसेना ने अपनी एंटी मिसाइल और एंटी एयरक्राफ्ट तकनीक को भी साबित कर दिया है। हमारी नौसेना किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
बीएसएफ के जवानों ने बहादुरी से साथ दिया
उन्होंने कहा कि मैं हमारी बीएसएफ की भी प्रशंसा करना चाहूंगा। महानिदेशक से लेकर सीमा पर मौजूद आखिरी जवान तक सभी ने इस ऑपरेशन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने बहुत बहादुरी से हमारा साथ दिया।
सेना का साफ संदेश
भारतीय सेना की कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस शिव तांडव की गूंज से शुरुआत हुई थी और आज की शुरुआत हुई रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता- “याचना नहीं, अब रण होगा…।
-साभार सहित