सेनाइल परप्यूरा कोई खतरनाक रोग नहीं है। बस इसकी पुष्टि के समय डॉक्टर को यह ध्यान में रखना होता है कि त्वचा के नीचे रिसता खून किसी अन्य गंभीर रोग के कारण तो नहीं।
इसे रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में संतुलित भोजन जिसमें प्रोटीन, दुग्ध-पदार्थ, सलाद, हरी सब्जियां और फल मौजूद हों, लेते रहना चाहिए।
क्या है सेनाइल परप्यूरा
सेनाइल परप्यूरा में यूं तो सब कुछ सामान्य पाया जाता है लेकिन त्वचा पर उभरते-मिटते नीले-लाल धब्बे परेशान कर देते हैं। दरअसल, यही सेनाइल परप्यूरा है।
वृद्धजनों की त्वचा में रक्त वाहिनियों की दीवारें बढ़ती उम्र के साथ भंगुर हो जाती हैं। यही कारण है तनिक भी खिंचाव या दबाव पड़ने पर वे फट जाती हैं और उनसे रिसता खून त्वचा के नीचे जमा हो जाता है। यही खून लाल-नीले धब्बों के रूप में नजर आता है। सेनाइल शब्द वृद्धावस्था की ओर इशारा करता है और परप्यूरा का मतलब होता है- बहते खून के त्वचा के नीच एकत्रित होने के कारण पड़े धब्बे।
इन नीले-लाल निशानों के आकार और आकृति अलग-अलग होते हैं। कुछ मटर के दाने से भी छोटे होते हैं तो अन्य कुछ सेंटीमीटर आकार के। कुछ एकदम गोल होते हैं तो अन्य आड़ी-तिरछी आकृति वाले। अमूमन ये निशान छूने पर त्वचा के ऊपर उभरे महसूस नहीं होते पर इनका ऐसे उभरना और फिर कुछ हफ्तों में गायब हो जाना चिंता में डाल देता है।
-एजेंसियां
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