बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा की गिरफ्तारी मामले में एक्ट्रेस ने 29 मीडियाकर्मियों और मीडिया घरानों के खिलाफ मानहानि का मुकद्दमा दायर किया था. अदालत ने आज उनकी याचिका पर सुनवाई की और कहा कि यह मानहानि का मामला नहीं है क्योंकि प्रकाशित रिपोर्ट पुलिस सूत्रों पर आधारित है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रेस की आजादी पर सवाल उठाना गलत है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस सूत्रों के अनुसार की गई रिपोर्टिंग अपमानजनक नहीं है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जब आप सार्वजिनक जीवन में होते हैं तो इसके ऐसे परिणाम आते हैं, लोग आपके बारे मे जानना चाहते हैं. टीवी रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा कि आप जो चाहते हैं कि आपकी हर बात मानी जाये तो ये मीडिया की स्वतंत्रता पर एक हमला हो सकता है.
वहीं शिल्पा के वकील ने एक यूट्यूब वीडियो का हवाला दिया, जिस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आप किसी एक वीडियो को देखकर सभी को एक तराजू में नहीं तौल सकते हैं. अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्रियों पर संपादकीय पक्ष रखेंगे तो यह खतरनाक हो सकता है. बता दें कि शिल्पा शेट्टी के वकील को समय दिया गया है कि वो कोई ठोस सबूत लेकर आएं जिसके बाद वो इस मामले की सुनवाई करेंगे.
शिल्पा शेट्टी ने अपनी याचिका में क्या कहा था
शिल्पा शेट्टी ने अपने आवेदन में कहा था कि उक्त मामले की पुष्टि किए बिना उक्त अपराध और जांच में उनकी संलिप्तता के बयान से उनके चरित्र और प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें एक अपराधी की तरह पेश किया जा रहा है, और एक महिला के तौर पर चित्रित किया जा रहा है जिसने अपने पति के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच की वजह से उन्हें छोड़ दिया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अदालत में उनके दस्तावेज़ में उद्धृत मीडिया आउटलेट्स ने गलत, अपमानजनक, झूठे मानहानिकारक बयान प्रकाशित किए हैं और न केवल शिल्पा को बदनाम किया है बल्कि उनकी इमेज को भी खराब किया है.
-एजेंसियां
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