पाकिस्तान में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के मामलों को लेकर चिंता जताते हुए फ़िल्म अभिनेत्री माहिरा ख़ान ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से गुज़ारिश की है कि वो घरेलू हिंसा निरोधक अधिनियम को जल्द से जल्द पास कराएं. पाकिस्तान में हाल के दिनों में चर्चित रहे नूर मुकद्दम और अफ़ग़ान राजदूत की बेटी के मामले पर जब प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि वे निजी तौर इन मामलों पर नज़र रख रहे हैं तो इस पर माहिरा ख़ान ने ट्विटर पर अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा, “जब तक क़ानून नहीं होगा, महिलाओं को सताया जाता रहेगा. इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.”
पाकिस्तानी सिनेमा की जानीमानी शख़्सियत माहिरा ख़ान बॉलीवुड में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने शाहरुख ख़ान के साथ निर्देशक राहुल ढोलकिया की फ़िल्म ‘रईस’ में काम किया था.
पाकिस्तान में घरेलू हिंसा का मुद्दा
पाकिस्तान में घरेलू हिंसा क़ानून लंबे समय से रुका हुआ है. मजहबी संगठन घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं. इसी साल अप्रैल में नेशनल असेंबली ने डोमेस्टिक वॉयलेंस (प्रिवेंशन एंड प्रोटेक्शन) बिल पास किया था लेकिन सीनेट में पेश किए जाने पर विपक्ष ने कहा कि इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास कुछ संसोधनों पर सुझाव देने के लिए भेजा जाना चाहिए.
इसके बाद ये बिल नेशनल असेंबली और सीनेट दोनों से पारित हो गया. इससे पहले कि इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती, काउंसिल फ़ॉर इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) ने इस प्रस्तावित क़ानून की समीक्षा की मांग की. सीआईआई का दावा था कि इस क़ानून में घरेलू हिंसा की व्याख्या ज़्यादा ही व्यापक रखी गई है.
इमरान ख़ान ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने सोमवार को कहा था, “मैं नूर मुकद्दम के केस पर पहले दिन से नज़र रख रहा हूं. इसकी एक-एक चीज़ का मुझे पता है. मैंने सारी जानकारी ली है. ये एक बड़ा खौफनाक किस्म का केस है और इसके अंदर जो चीज़ें आती हैं कि वहां उनका पूरा स्टाफ़ काम कर रहा था. चौकीदार थे, नौकर थे. उन सब के सामने दो दिनों तक ये त्रासदी होती रही. मैंने इस मामले की एक-एक जानकारी जुटाई है.”
“लोग जो ये कह रहे हैं कि कातिल बड़े और मजबूत खानदान से है और वो शायद कहीं बच न जाए. मैं आपको ये बता देना चाहता हूं कि कोई बचने वाला नहीं है. अगर किसी के पास दोहरी नागरिकता भी है और वो ये समझ रहा है कि उसके पास अमेरिकी नागरिकता है और वो बच जाएगा तो मैं ये साफ़ कर देता हूं कि कोई बच नहीं पाएगा.”
“ये मैं ज़रूर कहूंगा कि सबको जो दुख पहुंचा है कि नूर के साथ जो हुआ… हम जिस तरह से सोचते हैं कि अगर हमारी अपनी बेटी के साथ होता तो क्या होता… ये सदमा सबको मिला है. इसका असर पड़ा है.”
“मैं आपको बता दूं कि इससे पहले भी अफ़ग़ान राजदूत की बेटी के साथ जो कुछ भी हुआ… मैंने इस केस को इस तरह से फ़ॉलो किया है कि मानो वो मेरी अपनी बेटी है. अफ़ग़ान लोग हमारे अपने लोग हैं. हम उन्हें अपना भाई समझते हैं. इस मामले को भी मैंने उसी तरह से देखा है. मैं पुलिस को इस मामले की तफ़्तीश के लिए दाद दूंगा.”
नूर मुकद्दम का मामला
ये वहशियाना क़त्ल का एक दिल दहला देने वाला वाक़या था. नूर की हत्या के बाद उनका गला काट दिया गया था. उनकी हत्या के शक में उनके बचपन के दोस्त ज़ाहिर जफ़ीर को गिरफ़्तार किया गया है. दोनों के परिवारों के बीच पुरानी और अच्छी जान पहचान रही है. वो इस्लामाबाद की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के सीईओ के बेटे हैं.
पुलिस जांच के मुताबिक 20 जुलाई को इस्लामाबाद की रहने वाले नूर मुकद्दम की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या की गई थी. जिस घर में नूर की हत्या हुई वहां घटना के समय कई लोग मौजूद थे. नूर मुक़द्दम के पिता और पूर्व राजदूत शौक़त मुक़द्दम ने एफ़आईआर में उनके दोस्त ज़ाहिर जफ़ीर का नाम लिखवाया है. शौकत मुक़द्दम दक्षिण कोरिया में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हैं.
पुलिस का कहना है कि यदि अभियुक्त हत्या में शामिल होने से इनकार भी करता है तब भी पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं और अदालत में सबूत ही मायने रखते हैं. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार को बरामद करने का भी दावा किया है. पुलिस को मौके से छुरा और पिस्तौल मिली है, लेकिन पुलिस का कहना है कि जांच और मेडिकल रिपोर्ट से पता चला है कि पिस्तौल का इस्तेमाल नहीं हुआ था. हालांकि पुलिस का ये भी कहना था कि पिस्तौल में गोली फंस गई थी और वो चल नहीं पाई थी.
अफ़ग़ान राजदूत की बेटी को अगवा किए जाने की घटना
पाकिस्तान में जुलाई के तीसरे हफ़्ते में राजधानी इस्लामाबाद में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत को अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने अग़वा करने की कोशिश की. इसके बाद अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत नजिबुल्लाह अलीखिल ने ट्वीट कर बताया कि, ”इस्लामाबाद से शनिवार को मेरी बेटी को अगवा किया गया और उसे बुरी तरह से पीटा गया है. लेकिन अल्लाह के करम से वो वहाँ से भागने में कामयाब रही. अभी वो ठीक है. यह अमानवीय कृत्य है. इस मामले की पर दोनों देशों के संबंधित अधिकारियों की नज़र है.”
पुलिस का कहना था कि हमलावर ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सके लेकिन अज्ञात हमलावर राजदूत की बेटी के साथ हिंसा करने के बाद फ़रार हो गए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय, पुलिस और संबंधित एजेंसियों से इस घटना की प्राथमिकता से तहक़ीक़ात करने के लिए कहा था.
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